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झाड़ी में फेंके नवजात को मिली ममता की छांव

भेल्दी (अमनौर) : जन्म कहते हैं कि पुत्र भले ही कुपुत्र हो जाये लेकिन माता कुमाता नहीं होती. फिर भी कुछ ऐसे वाकये सामने आते हैं, जो मां की ममता को बदनाम कर देते हैं. ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया. जन्म देने के कुछ ही देर बाद मां ने बच्ची को झाड़ी […]

भेल्दी (अमनौर) : जन्म कहते हैं कि पुत्र भले ही कुपुत्र हो जाये लेकिन माता कुमाता नहीं होती. फिर भी कुछ ऐसे वाकये सामने आते हैं, जो मां की ममता को बदनाम कर देते हैं. ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया.

जन्म देने के कुछ ही देर बाद मां ने बच्ची को झाड़ी में फेंक दिया. लावारिश हालात में मिली बच्ची को दूसरे की ममता जाग उठी तथा वह अब बच्ची को अपना नाम देगी. कटसा-सुतिहार मुख्य मार्ग के झौवापट्टी पकवा इनार के तरफ बसंतपुर गांव की बहारन ठाकुर की पत्नी बहारनी देवी टहलने गयी थी कि किसी बच्चे की रोने की आवाज आयी तो पास जाकर देखी तो कपड़ा में लपेट एक नवजात बच्ची को झाड़ी में किसी ने फेक दिया था. बच्ची को देख बहारनी देवी को दया आ गयी और उसने उस बच्ची को गोद में उठा लिया. देखते ही देखते लोगो की हुजूम जुट गयी.
सभी मासुम को देख उस मां को कोष रहे थे, जिसने नौ महीने पालने के बाद जन्म दिया और इसे ऐसी हालत के झाड़ी में छोड़ दिया. मासूम को लेने के लिए दर्जनों लोग तैयार हो गये, सभी ने उसके बेहतर परवरिश करने की सहमती दी. मगर बहारनी देवी ने उस बच्ची की मासूमियत को देख किसी को देने को राज़ी नहीं हुई व उसको अपने साथ ही रखने की ज़िद पर अड़ी रही. जिसके बाद बुद्धिजीवी लोगो ने मासूम को बहारनी देवी के साथ रहने का ही फैसला किया. अब मासूम गुड़िया बसंतपुर गांव में ही बहारनी देवी के पास स्वस्थ है.

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