परेशानी. मौसम ने ली करवट, कै-दस्त व डायरिया का बढ़ा प्रकोप
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24 घंटे में जिले में 150 लोग आक्रांत
परेशानी. मौसम ने ली करवट, कै-दस्त व डायरिया का बढ़ा प्रकोप मौसम के लगातार बदलने से कै-दस्त व डायरिया की बीमारी का प्रकोप महामारी का रूप लेने लगा है. 24 घंटे के अंदर जिले के सरकारी अस्पतालों में करीब डेढ़ सौ से अधिक कै-दस्त व डायरिया के शिकार मरीज पहुंचे हैं. भीषण गरमी और तपती […]
मौसम के लगातार बदलने से कै-दस्त व डायरिया की बीमारी का प्रकोप महामारी का रूप लेने लगा है. 24 घंटे के अंदर जिले के सरकारी अस्पतालों में करीब डेढ़ सौ से अधिक कै-दस्त व डायरिया के शिकार मरीज पहुंचे हैं. भीषण गरमी और तपती धूप के बाद बारिश तथा बारिश के तुरंत बाद भीषण गरमी और तेज धूप होने के कारण कै-दस्त, डायरिया जैसी बीमारियों ने महामारी का रूप ले लिया है.
छपरा (सारण) : मौसम में बदलाव के कारण शहर से लेकर गांव-देहात तक लोग डायरिया के शिकार होने लगे हैं. गुरुवार की सुबह आठ बजे से दिन के दो बजे तक डायरिया पीड़ित एक दर्जन मरीज सदर अस्पताल के आपात कालीन कक्ष में भरती कराये गये. भरती सभी मरीज डायरिया व कै दस्त से पीड़ित हैं, जिनका उपचार चल रहा है. इसी तरह जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा रेफरल अस्पतालों में आने वाले कै-दस्त, डायरिया के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.
विभाग ने की तैयारी : कै-दस्त व डायरिया के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाओं का भंडारण स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया गया है. सदर अस्पताल समेत सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आरएल, डेक्सट्रोज समेत स्लाइन का प्रबंध किया गया है. ओआरएस पाउडर का पॉकेट उपलब्ध कराया गया है. साथ ही आशा के माध्यम से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. संक्रमण निरोधी दवाओं का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है.
मौसम में बदलाव से बढ़ी
बीमारी : मौसम में बदलाव के कारण कै-दस्त, डायरिया जैसी संक्रामक बीमारियां बढ़ रही हैं. बारिश के बाद अचानक तेज धूप व भीषण गरमी से यह बीमारी फैल रही है. परिवार में एक को होने के बाद दूसरे को भी इसका शिकार होना पड़ रहा है. नगरा प्रखंड के नवीगंज में एक ही परिवार के तीन सदस्य डायरिया के शिकार हैं और तीनों एक साथ सदर अस्पताल में भरती कराये गये हैं. कै-दस्त व डायरिया फैलाने का कारण खान-पान में गड़बड़ी भी है.
सफाई का रखें ध्यान, नहीं तो डायरिया ले सकता है जान
यह हैं अस्पताल में भरती
गुलाम खान (4) पिता-मोहम्मद इम्तेयाज, नवीगंज, नगरा
सायरा खातून (6) पिता-मो इम्तेयाज, नवीगंज, नगरा
मो इम्तेयाज (30) पिता- मो सबीर, नवीगंज नगरा
मुजफ्फर इमाम (40) पिता- मो इमाम, छोटा तेलपा, छपरा
रहमत मियां (60) पिता समशुल मियां, कटरा भगवान बाजार
चमना खातून (40) पति-मो जलील, नयी बाजार, भगवान बाजार
गुंजा देवी (20) पति-सोनू राम नयी बाजार
क्या हैं कारण
पेट के कीड़ों या बैक्टेरिया के संक्रमण से
वायरल संक्रमण के कारण
आस-पास सफाई ठीक से न होने से
शरीर में पानी की कमी होने से
किसी दवा के रिएक्शन से
पाचन शक्ति कमजोर होने से
कभी-कभी ज्यादा तैराकी करने से भी डायरिया हो सकता है
क्या है डायरिया
आमतौर पर डायरिया एक हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन अगर ये इससे ज्यादा समय तक रहे तो ये क्रॉनिक डायरिया कहलाता है और इसका इलाज समय पर न होने से ये खतरनाक भी हो सकता है, लेकिन इसे जरा सी सावधानी बरत कर ठीक भी किया जा सकता है.
डायरिया के लक्षण
जल्दी-जल्दी दस्त होना
पेट में तेज दर्द होना
पेट में मरोड़ पड़ना
उल्टी आना
बुखार होना
कमजोरी महसूस होना
क्या कहते हैं अधिकारी
कै-दस्त व डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है. मौसम में बदलाव लगातार होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई. इसके मद्देनजर सभी जीवन रक्षक दवाओं का भंडारण पर्याप्त मात्रा में कर लिया गया है. अस्पताल किसी भी दवा की कमी नहीं है.
डॉ शंभुनाथ सिंह, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, छपरा
क्या बरतें सावधानी
शुद्ध पेयजल का प्रयोग करें व पीने के पानी को ढंक कर रखें
स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखें
बासी भोजन नहीं करें
मांसाहारी भोजन नहीं करें
तेल-मसाला वाले भोज्य पदार्थ का सेवन नहीं करें
बाजार में खुली जगहों पर बिकनेवाली वस्तुओं का सेवन नहीं करें
घरों के आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें
घरों के आस-पास जल जमाव नहीं होने दें
सादा भोजन करें
खूब पानी पीयें
धूप में निकलने से बचें
दोपहर के समय बाहर निकलते समय सिर पर तौलिया रखें
दूषित जल का सेवन करने से बचें
ताजा फल व सब्जियों का भरपूर सेवन करें
खान-पान का रखें ख्याल
खाने के पहले व शौच के बाद साबुन से हाथ अच्छी तरह साफ करें
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