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सेवानिवृत्त कर्मियों को मिला जॉब लेटर

वायुसेना का कौशल प्रमाणीकरण व प्लेसमेंट समारोह का हुआ आयोजन सेवानिवृत्त कर्मी अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर दूर करेंगे अंतराल : रूडी देश में कुशल कार्यबल की जबरदस्त कमी : रक्षामंत्री छपरा : कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने बुधवार को भारतीय वायुसेना कर्मियों की सेवानिवृत्ति के बाद उनके कौशल एवं प्रशिक्षण […]

वायुसेना का कौशल प्रमाणीकरण व प्लेसमेंट समारोह का हुआ आयोजन

सेवानिवृत्त कर्मी अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर दूर करेंगे अंतराल : रूडी
देश में कुशल कार्यबल की जबरदस्त कमी : रक्षामंत्री
छपरा : कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने बुधवार को भारतीय वायुसेना कर्मियों की सेवानिवृत्ति के बाद उनके कौशल एवं प्रशिक्षण के लिए रक्षा मंत्रालय के सहयोग से पूरी की गयी पायलट परियोजना की सराहना की. यह सेवानिवृत्त होनेवाले वायुसेना कर्मियों के लिए कौशल प्रमाणीकरण के माध्यम से अपनी तरह का पहला प्लेसमेंट कार्यक्रम था. कौशल प्रमाणीकरण एवं प्लेसमेंट समारोह का आयोजन आइएएफ भारतीय वायुसेना के सभागार में किया गया,
जिसमें सेवानिवृत्त हो चुके 56 आइएएफ कर्मियों को राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क एवं प्लेसमेंट पत्र के अनुरूप कौशल प्रमाणपत्र दिये गये. कार्यक्रम की अध्यक्षता रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी के द्वारा की गयी. मौके पर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री रोहित नंदन, एयर चीफ मार्शल अरूप राहा और एनएसडीसी के सीइओ जयंत कृष्ण उपस्थित थे.
मंत्री रूडी के प्रतिनिधि धनंजय तिवारी ने बताया कि पायलट परियोजना के एक भाग के रूप में इन 56 वायुसैनिकों को राष्ट्रीय व्यावसायिक मानदंडों के अनुरूप उनके व्यापारों का मानचित्रण के बाद प्रशिक्षण दिया गया. सेक्टर कौशल परिषदों ने उन्हें तीन क्षेत्रों मेडिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं ऑटोमोटिव में प्रशिक्षकों और मूल्याकनकर्ताओं के रूप में प्रशिक्षण दिया. इसके बाद उनका मूल्यांकन तथा प्रमाणीकरण किया गया. कार्यक्रम में इस पायलट परियोजना की कामयाबी पर वायुसेना को बधाई देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि देश में कुशल कार्यबल की जबरदस्त कमी है.
कौशल विकास एवं पहचान प्रधानमंत्री के एजेंडा पर है और हम सब मिल कर सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम इस दृष्टिकोण को पूरा करें. उन्होंने मंत्री रूडी के प्रति आभार व्यक्त किया. मौके पर श्री रूडी ने अपने संबोधन में कहा कि हर साल 50 हजार वायुसेना कर्मी सेवानिवृत्त होते हैं, जिनकी उम्र 32 से 47 वर्ष के बीच होती है.
देश में अनुभवी प्रशिक्षकों की कमी को देखते हुए इन कर्मचारियों को कौशल विकास प्रणाली में प्रशिक्षकों एवं मूल्यांकनकर्ता के रूप में प्रशिक्षित किया जा सकता है. सुरक्षा बलों से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी अपने अनुशासन, नेतृत्व जैसे गुणों एवं तकनीकी दृष्टि से अपार क्षमता के साथ मौजूद अंतराल को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

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