रविवार को सबसे गरम रहा छपरा
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कोहराम . अधि. 43 तथा न्यू. 25 डिग्री रहा तापमान
रविवार को सबसे गरम रहा छपरा छपरा (सदर) : साल का सबसे गरम दिन रविवार रहा. दिन का अधिकतम तापमान जहां 43 डिग्री सेल्सियस रहा, वहीं न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस. अप्रैल के प्रथम सप्ताह से ही लगातार दिन का तापमान बढ़ने के कारण आमजनों में इस बार भीषण गरमी को लेकर भय व्याप्त है. […]
छपरा (सदर) : साल का सबसे गरम दिन रविवार रहा. दिन का अधिकतम तापमान जहां 43 डिग्री सेल्सियस रहा, वहीं न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस. अप्रैल के प्रथम सप्ताह से ही लगातार दिन का तापमान बढ़ने के कारण आमजनों में इस बार भीषण गरमी को लेकर भय व्याप्त है. वहीं पूरे दिन 20 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज पछुआ हवा चली,
जिससे दोपहर में आम लोगों के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. दिन में भीषण गरमी के कारण विभिन्न विद्यालयों में जानेवाले शिक्षा कर्मियों व बड़े बच्चों की कौन कहे, छोटे-छोटे बच्चे छुट्टी के दौरान घर से लौटने के क्रम में तेज धूप से बचने के लिए प्रयासरत दिखे. आम लोगों का कहना है कि तीन से चार दिनों में तापमान तीन डिग्री सेल्सियस बढ़ा है. यदि यही रफ्तार रही तो अप्रैल के अंत, मई व जून के दूसरे सप्ताह तक लोगों के लिए यह गरमी काफी
कष्टदायी होगी. तेज धूप व हवा के थपेड़ों के कारण लोग अपने को गरमी से बचने के लिए छतरी के अलावा चेहरे को पर गमछा, मुरैठा या अन्य कपड़ों से ढंक कर शहर में निकलने को विवश हैं. खास कर वैसे लोग जिन्हें अपने कार्यालयों में दिन में जाना होता है चाहे वह निजी कार्यालय हो या सरकारी कार्यालय. दिन में उनके लिए घर से कार्यालय या अन्य निश्चित स्थान पर पहुंचना काफी मुश्किल हो रहा है.
20 किमी की रफ्तार से चल रही तेज हवा
तपती धूप के कारण पूरे चेहरे को ढक कर जातीं युवतियां.
सूख गये तालाब, जानवर पानी के लिए परेशान
लगातार कम हो रही बारिश के कारण विगत दो से तीन दशक में यह पहला मौका है, जब ग्रामीण क्षेत्र में स्थित 90 फीसदी तालाब व चंवर सूख गये हैं, जो मई के अंत में या जून में सूखते थे या नहीं सूखते थे. इस बार इन तालाबों व चंवर के सूखने से ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली क्षेत्र में रह रहे नीलगाय, जंगली सूअर, सियार या अन्य जानवर पानी के लिए परेशान नजर आ रहे हैं. जब उन्हें इस पानी चंवर या तालाब में नहीं मिलता है, तो वे ग्रामीण क्षेत्रों की बस्तियों में पहुंच कर अपनी प्यास बुझाने के लिए प्रयासरत दिख रहे हैं. यदि दो माह तक यह स्थिति रही तो जंगली जीवों के जीवन पर निश्चित तौर पर असर पड़ेगा.
तेज धूप व हवा के कारण बढ़ीं अगलगी की घटनाएं : विगत 10 दिनों से लगातार तेज धूप व गरम हवाओं के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में अगलगी की घटनाएं भी बढ़ी हैं. जिले के छपरा, मढ़ौरा, सोनपुर स्थित अग्निशमन केंद्र में अगलगी की कम-से-कम ढाई सौ अगलगी की सूचनाएं दर्ज हुई हैं. रविवार को भी मांझी, दरियापुर, इसुआपुर, बनियापुर, अवतार नगर में अगलगी की घटनाएं हुईं.
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