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हवाई पट्टी पर दौड़ लगा रहे हैं ‘जमीन’ के वाहन
अनदेखी. कई स्थानों पर तोड़ी दीवार, खतरे में अस्तित्व! राजीव रंजन छपरा (सदर) : प्रमंडलीय मुख्यालय छपरा स्थित हवाई अड्डा को विकसित कर हवाई उड़ानों के लिए सुरक्षित बनाने के नाम पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. परंतु स्थानीय पदाधिकारी करोड़ों के निर्माण को बचाने की जरूरत नहीं समझते. इसका उदाहरण […]
अनदेखी. कई स्थानों पर तोड़ी दीवार, खतरे में अस्तित्व!
राजीव रंजन
छपरा (सदर) : प्रमंडलीय मुख्यालय छपरा स्थित हवाई अड्डा को विकसित कर हवाई उड़ानों के लिए सुरक्षित बनाने के नाम पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. परंतु स्थानीय पदाधिकारी करोड़ों के निर्माण को बचाने की जरूरत नहीं समझते. इसका उदाहरण छपरा हवाई अड्डा की तीन वर्ष पूर्व बनी चहारदीवारी व रनवे है. ऐसी स्थिति में यह हवाई अड्डा जहां असुरक्षित हो गया है, वहीं अपने अस्तित्व को लेकर जूझ रहा है. परंतु, स्थानीय पदाधिकारी अतिक्रमणकारियों व हवाई अड्डे की चहारदीवारी ध्वस्त करनेवालों पर कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझते.
बगल में पुलिस लाइन, अग्निशमन केंद्र, सदर ब्लॉक, पर कोई देखनेवाला नहीं : गांधी चौक से पूरब स्थित इस हवाई अड्डे के दक्षिण में छपरा, पुलिस लाइन, अग्निशमन केंद्र, पूरब में सदर ब्लॉक तथा हवाई अड्डा के गेट के निकट ही भवन निर्माण विभाग के अभियंता का आवास है. परंतु, इस करोड़ों की लागत से बनी चहारदीवारी को बचाने के प्रयास की बात तो दूर, उत्तर व पश्चिम के समान ही दक्षिण व पूरब भी दर्जन भर स्थानों पर चहारदीवारी को तोड़ दी गयी.
यही नहीं, कुछ लोगों ने तो बजाप्ता हवाई अड्डे की चहारदीवारी तोड़ कर अपने मकान का गेट खोल दिया है. वहीं, पुलिस लाइन व पूरब में कुछ जगहों पर तोड़ी गयी चहारदीवारी को पुन: किसी प्रकार खड़ा कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में हवाई अड्डे के विकास व सुरक्षा को लेकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
पहली बार 1981 में हुआ हवाई पट्टी का पक्कीकरण : बिहार सरकार के तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री डॉ प्रभुनाथ सिंह द्वारा तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त एके सरकार तथा डीएम डॉ जेएस बरारा की उपस्थिति में 15 अगस्त, 1981 को छपरा हवाई अड्डे के विस्तार एवं पक्कीकरण की योजना का शिलान्यास किया गया था. इसके बाद समय-समय पर इसकी मरम्मती भी हुई.
चुनाव व अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर इस हवाई अड्डे पर सूबे व देश के बड़े-बड़े राजनेता व पदाधिकारी भी विमान या हेलिकॉप्टर से उतरते रहे. ऐसी स्थिति में स्थानीय स्तर पर इस हवाई अड्डे के लचर व्यवस्था व निर्माण कार्यों को आसपास के लोगों द्वारा ध्वस्त किये जाने की दिशा में कथित उदासीनता निश्चित तौर पर आम लोगों में चर्चा का विषय है.
किफायती हवाई अड्डा बनाने की केंद्र सरकार की योजना : केंद्र सरकार के नगर एवं विमानन मंत्रालय ने बिहार के चार शहरों में किफायती खर्चवाले हवाई अड्डा बनाने की योजना बनायी है.
इसके तहत विभागीय स्तर पर भी कागजी प्रक्रिया हो रही है. ऐसी स्थिति में छपरा हवाई अड्डे के निर्मित ढांचे को आमजनों या आसपास के लोगों द्वारा चारों तरफ से मनमाने ढंग से तोड़ कर छोटे-बड़े वाहनों के धड़ल्ले से प्रवेश के लिए आम रास्ता बनाना, निश्चित तौर पर इस हवाई अड्डे के भविष्य के लिए सुखद नहीं दिखता.
दो दर्जन स्थानों पर तोड़ दी गयी चहारदीवारी
भवन प्रमंडल द्वारा हवाई अड्डे की सुरक्षा व विकसित करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर तीन वर्ष पूर्व चहारदीवारी का निर्माण कराया गया था. परंतु, इस योजना पर काम करनेवाले स्थानीय भवन प्रमंडल के पदाधिकारी व जिला प्रशासन ने कभी इसे बचाने की जरूरत नहीं समझी.
अब तक चहारदीवारी के चारों दिशाओं में कम से कम तीन दर्जन स्थानों पर अपनी सुविधा के अनुसार मकान बनानेवालों द्वारा या आसपास के लोगों द्वारा तोड़ कर आम रास्ता बना दिया गया है. ऐसी स्थिति में जगह-जगह पर टूटी चहारदीवारी हवाई अड्डा को विकसित व सुरक्षित बनाने की दिशा में प्रशासनिक उदासीनता व आम लोगों की मनमानी की पोल रही है.
आधा दर्जन स्थानों पर बना दी गयी आम सड़क
काफी ज्यादा दूरी में तोड़ कर आधा दर्जन स्थानों पर आसपास के लोगों द्वारा व्यावसायिक वाहनों के लिए रास्ता बना दिया गया है, जिससे हवाई अड्डा के दक्षिण की एकमात्र सड़क से प्रतिदिन बाइक, रिक्शा, ठेला की कौन कहे, चारपहिया वाहन बालू, गिट्टी, सीमेंट छड़, अनाज आदि लेकर सीधे छपरा-गड़खा रोड में नेहरू चौक से नेवाजी टोला चौक की सड़क में बेरोक-टोक प्रवेश करते हैं. इससे करोड़ों की लागत से बनी हवाई पट्टी भी क्षतिग्रस्त हो रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
छपरा हवाइ अड्डे की चहारदीवारी को निश्चित तौर पर विभिन्न ओर से मनमाने ढंग से आसपास के लोगों द्वारा तोड़ कर अपनी सुविधा के अनुसार रास्ता बनाने व मुख्य हवाई पट्टी से होकर दक्षिण से उत्तर की ओर व्यावसायिक वाहनों को ले जाने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है. इस संबंध में जिला प्रशासन को लिखित आवेदन देकर आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया गया है.
रामाधार राम
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