छपरा : जम्मू एवं कश्मीर विश्वविद्यालय से बीएड कर नियोजित होनेवाले शिक्षकों में से मात्र दो की बरखास्तगी की कार्रवाई जानबूझ कर उन्हें प्रताड़ित व अपमानित करने की कोशिश है. उक्त बात माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव राजाजी राजेश ने कही. उन्होंने कहा कि मामले के सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने व निदेशक शिक्षा विभाग के न्यायालयादेश आने पर दिशा निर्देश देने के स्पष्ट पत्र के बावजूद बरखास्तगी की कार्रवाई तानाशाही रवैया को दरसाती है.
यह कदम अवमानना का भी बनता है. उन्होंने उक्त कृत्य की निंदा करते हुए नप के कार्यपालक पदाधिकारी से डीपीओ की अनुशंसा को निरस्त करते हुए न्यायालय का अंतिम आदेश आने तक शिक्षकों को पद पर बने रहने देने व वेतन भुगतान करने का आदेश देने की अपील की है.