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एक साल में मात्र एक की हुई गवाही

एक साल में मात्र एक की हुई गवाही इसुआपुर थानाध्यक्ष हत्याकांड22 दिसंबर, 2014 को हुई थी हत्यामुख्य अभियुक्त कुख्यात चेक सिंह की हत्या के बाद पुलिसिया कार्रवाई हुई ढीली निर्धारित तिथियों पर पुलिस गवाह को नहीं कर पा रही प्रस्तुत आरोप गठन के पांच माह बीते संवाददाता, छपरा (कोर्ट)इसुआपुर के थानाध्यक्ष संजय तिवरी की अपराधियों […]

एक साल में मात्र एक की हुई गवाही इसुआपुर थानाध्यक्ष हत्याकांड22 दिसंबर, 2014 को हुई थी हत्यामुख्य अभियुक्त कुख्यात चेक सिंह की हत्या के बाद पुलिसिया कार्रवाई हुई ढीली निर्धारित तिथियों पर पुलिस गवाह को नहीं कर पा रही प्रस्तुत आरोप गठन के पांच माह बीते संवाददाता, छपरा (कोर्ट)इसुआपुर के थानाध्यक्ष संजय तिवरी की अपराधियों द्वारा दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर सरकारी पिस्टल लूट लेने की घटना को एक वर्ष बीतने को आये. अभी तक इस मामले में मात्र एक गवाह की गवाही ही न्यायालय में करायी गयी है. हद तो यह है कि हत्या मामले में गिरफ्तार सात अभियुक्तों में तीन के विरुद्ध 31 जुलाई, 2015 को ही आरोप का गठन किया गया. परंतु, पांच माह बाद पुलिस ने 11 दिसंबर को एक गवाह को कोर्ट में प्रस्तुत किया, जबकि इन पांच महीनों में कोर्ट द्वारा गवाही की कई तिथियां निर्धारित की गयी थीं. परंतु, पुलिस एक भी गवाह को प्रस्तुत नहीं कर पायी. इसमें मात्र तीन के विरुद्ध आरोप का गठन हुआ, जबकि अन्य चार के विरुद्ध एक सप्ताह पूर्व आरोप गठित किया गया है. इसमें गवाही की प्रक्रिया अगले वर्ष शुरू की जायेगी. दारोगा की हत्या के बाद पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा यह कहा गया था कि इस प्रकार की दुस्साहसपूर्ण घटना का स्पीडी ट्रायल द्वारा निष्पादन करा संलिप्त अपराधियों को सजा दिलायी जायेगी. परंतु, यह नहीं हो सका और सामान्य मामलाें की तरह यह मामला भी तारीख-पर-तारीख की भेट चढ़ गया. ज्ञात हो कि 22 दिसंबर, 2014 को तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय तिवारी की हत्या कर दी गयी थी. उस घटना से जहां आमजन दहशत में थे तो पुलिस काफी आक्रोशित थी. परंतु, सभी यही चाहते थे कि इस घटना में संलिप्त अपराधियों को त्वरित सजा मिले ताकि इस प्रकार का दुस्साहस कोई और न कर सके. उसका एक ही माध्यम था स्पीडी ट्रायल जो न हो सका. इस घटना के मुख्य अभियुक्त चेक सिंह की अपराधियों के द्वारा हत्या कर दिये जाने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली. और यहीं से मामले में पकड़ ढीली पड़नी शुरू हो गयी. पुलिस ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्तों को गिरफ्तार तो कर चुकी है. उसमें लगभग सभी को उच्च न्यायालय से जमानत भी प्राप्त हो चुकी है. अभी एक सप्ताह पूर्व घटना के प्रत्यक्षदर्शी गवाह पेट्रोल पंप मालिक डॉ प्रतीक की गवाही हुई. वहीं, उसी दिन चार अन्य आरोपितों मुन्ना चौबे, सोनू कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह और गीता देवी के विरुद्ध आरोप का गठन भी किया गया. वहीं, वाद पर छह जनवरी को गवाही की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.

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