छपरा (सदर) : ग्रामीण परिवेश व कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि के युवक-युवतियों को तकनीक से जोड़ कर आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है इस शख्स ने. स्वावलंबन की राह पर धुनी रमानेवाले आनंद कुमार का एकमात्र लक्ष्य बस कटेसर इलाके के नौजवानों को आगे बढ़ाना है. छपरा मुख्यालय से 20 किलोमीटर उत्तर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित […]
छपरा (सदर) : ग्रामीण परिवेश व कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि के युवक-युवतियों को तकनीक से जोड़ कर आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है इस शख्स ने. स्वावलंबन की राह पर धुनी रमानेवाले आनंद कुमार का एकमात्र लक्ष्य बस कटेसर इलाके के नौजवानों को आगे बढ़ाना है.
छपरा मुख्यालय से 20 किलोमीटर उत्तर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित उनका संस्थान 20-25 किलोमीटर की परिधि के नौजवानों को कंप्यूटर-मोबाइल से लेकर सिलाई-कढ़ाई में भी माहिर बना रहा है. डीसीए, डीटीपी, टैली, मोबाइल रिपेयरिंग, सिलाई, पेंटिंग, कढ़ाई की ट्रेनिंग लेने यहां रोजाना युवाओं का मेला लगता है.
सैकड़ों नौजवानों को मिला रोजगार : बीते सात वर्षों में अप्रवासी भारतीय व यूनाइटेड किंगडम में बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यपालक सह निदेशक डॉ आनंद कुमार के प्रयास से सैंकड़ों घर आबाद हुए हैं. नगरा प्रखंड के कटेसर गांव में कुसुम फाउंडेशन के प्रशिक्षण केंद्र में 3 हजार युवक-युवतियों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया चुका है.
कई नौजवान निजी व सरकारी संस्थानों में नौकरी कर आर्थिक सुदृढ़ता की ओर अग्रसर हैं. बताया गया कि अप्रवासी भारतीय आनंद ने करीब छह लाख रुपये खर्च कर सात शिक्षक व कर्मियों की जवाबदेही क्षेत्र की बेहतरी के रूप में तय की है. मुख्य ट्रस्टी राम रघुवीर प्रसाद सिन्हा व डॉ विनोद कुमार सिंह संस्थान के संचालन में मुख्य भूमिका निभाते हैं.
कटेशर को बनायेंगे आदर्श गांव : संस्थान के संचालक व लंदन में पदस्थापित डॉ आनंद कुमार बताते हैं कि ग्रामीण परिवेश मेे पले बढ़े होने के कारण ग्रामीणों की परेशानी का मुझे एहसास है. अपने गांव में मेरे द्वारा प्राथमिक विद्यालय भवन का निर्माण कराने, राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खोलवाने के अलावे गांव में युवक-युवतियों के लिए एक बेहतर पुस्तकालय निर्माण तथा डाकघर निर्माण का सपना है. नये साल में ग्रामीणों को पुस्तकालय की सुविधा मिलेगी. एक उन्नत अस्पताल खोलने की दिशा में भी वे काम कर रहे हैं.