संवाददाता, छपरा
मंडल कारा छपरा में बंद नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, गंडामन की प्रधानाध्यापिका मीना देवी तथा उनके पति अजरुन राय के मामले में बुधवार को सीजेएम कोर्ट में पुलिस की दौरा सुपुर्दगी पर बहस शुरू हुई. बहस के दौरान बचाव पक्ष की ओर से भोला प्रसाद ने सीजेएम एके झा से आग्रह किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ 346 पेज का पूरक आरोप पत्र पुलिस ने समर्पित किया है. ऐसी स्थिति में पुलिस पेपर रिसीव कर आरोप पत्र की तथ्यों को समझने के लिए कुछ दिन समय दिया जाये. इस पर सरकार की ओर से डीपीओ विजय प्रताप सिंह ने बहस करते हुए कहा कि इस मामले में सारे तथ्य स्पष्ट हैं ऐसी स्थिति में अलग से समय का कोई औचित्य नहीं है. इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्री प्रसाद ने कहा कि न्यायालय डाकघर नहीं है की किसी भी मामले को रिसीव करने के बाद तुरंत ही बहस की जा सके. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सीजेएम ने 26 अक्तूबर को कमिटमेंट के मुद्दे पर सुनवाई की तिथि निर्धारित की. विधि के जानकारों के अनुसार कमिटमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीजेएम मामले को जिला जज नवनीत कुमार पांडेय के यहां भेजेंगे. जहां से जिला जज मामले को किसी सत्र न्यायाधीश के पास भेज सकते हैं या खुद के पास रख सकते हैं. इससे पूर्व मीना देवी के अधिवक्ता रामबाबू राय ने पुलिस से पेपर रिसीव किया. इससे पूर्व प्रधानाध्यापिका व उनके पति अजरुन राय को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. सुनवाई के दौरान दोनों अभियुक्तों को देखने के लिए भारी भीड़ कोर्ट परिसर में जुट गयी. पुन: सुनवाई के बाद भारी सुरक्षा के बीच उन्हें मंडल कारा भेज दिया गया.