Advertisement
बात काटे नहीं कि झंझट की नौबत तय
छपरा : गजब का विरोधाभास है, छपरा के नगरपालिका चौक पर. मोहन जी व रायजी की चाय की दुकान हो या फिर उमा के भूंजा का ठेला. हर जगह दल व उम्मीदवारों की चर्चा और तुरंत उसका विरोध. जीत-हार का अपना-अपना गणित. गणित को बिगाड़ने वाले लोग भी रहते हैं मौजूद. मजबूती का गणित बताया […]
छपरा : गजब का विरोधाभास है, छपरा के नगरपालिका चौक पर. मोहन जी व रायजी की चाय की दुकान हो या फिर उमा के भूंजा का ठेला. हर जगह दल व उम्मीदवारों की चर्चा और तुरंत उसका विरोध. जीत-हार का अपना-अपना गणित. गणित को बिगाड़ने वाले लोग भी रहते हैं मौजूद. मजबूती का गणित बताया नहीं कि तुरंत शून्य पर पहुंचा देने का माद्दा लिये लोग भी खड़े मिल जायेंगे.
मजाल नहीं कि उनकी बात को आप काटने की हिमाकत कर सकें. हर दल व निर्दल के समर्थक थोक के भाव में उपलब्ध हैं इस चौक पर. परिंदों की तरह आसमान में उड़ रहे हेलिकॉप्टर चर्चा को रफ्तार देता है. किन्तु रफ्तार उस समय रुक जाती है और बहस में बदलते देर नहीं लगती, जब हेलिकॉप्टर के उतरने और भाषण देने वाले नेताओं के सभा स्थल जुटने वाली भीड़ की सच या झूठ, जो कहें उसकी सूचना पहुंचती है.
हर एक बात को एक दूसरे की जुबान से छिनकर अपने जुबान से बोलने की बेचैनी वाले लोग यह कह पड़ते हैं कि अरे, आदमी से ज्यादा वहां पुलिस के जवान खड़ा था और तब देखिए वहां बहस की गरमाहट. राह चलते लोग भी रुक जाते हैं कि कहीं मजगर झंझट तो नहीं हो गया.
अभी तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृह मंत्री समेत आधा दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत जदयू के दर्जनों नेताओं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान की सभाएं हो चुकी है.
इस मामले में इस बार वाम दल भी पीछे नहीं है. माकपा की वृंदा करात की सभा शुक्रवार को संपन्न हो चुकी है. पप्पू यादव भी एक बार आकर जा चुके हैं. अभी तक नहीं पहुंचे हैं तो राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद. हो सकता है एकाध दिनों में उनकी भी सभा हो जाये. जान लीजिए कि जिले के हरेक विधानसभा के दलीय एवं निर्दलीय प्रत्याशियों के समर्थन व विरोध का यहां रोज पोस्टमार्टम हो रहा है. हालांकि यहां से जब आगे बढ़ेंगे, तो मन व मिजाज दोनों बदल जायेगा.
हर चौक चौराहे पर ट्रॉफिक जाम की समस्या, जगह-जगह बन रहे पूजा पंडाल यह दर्शा रहा है कि अभी शहर के लोग अपने रोजमर्रा के काम को छोड़ चुनाव के फेरे में नहीं है. पहले पूजा हो जाये उसके बाद ही इस पर बात होगी. हालांकि यह तो शहर के वैसे लोगों की बात है जो अपने कुनबे में ही व्यस्त रहना चाहते है. शहर के होटल दलों के बाहरी कार्यकर्ताओं से भर गये हैं.
बीजेपी के बाहरी कार्यकर्ता कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं के घरों में भी स्थान लिये हुए हैं. जो अब आ रहे हैं उनके लिए परेशानी हैं. हालांकि नवमी व दशमी को बाहरी लोगों से शहर खाली हो जायेगा. ऐसा अनुमान लगा रहे हैं पार्टी के कार्यकर्ता. जगह-जगह चेकिंग चल रही है. गांव-देहात की सड़कों पर भी अर्धसैनिक बलों के जवान मोर्चा संभाले हुए हैं. चेकिंग का ही नतीजा है कि अभी तक चार करोड़ रुपये की बरामदगी हो चुकी है. कुछ जायज रुपये थे, जिन्हें उसके वारिसो को हैंड ओवर कर दिया गया है.
जो नाजायज हैं वह अभी भी प्रशासन के पाले में हैं. सैकड़ों दो पहिया वाहन जिले के थानों की शोभा बढ़ा रहे हैं. कारण कि पकड़े जाने के बाद गाड़ी मालिक उसके कागज पत्तर को दुरूस्त कराने में लगे हुए हैं. जांच की वजह से देहाती क्षेत्रों की सड़कों पर दोपहिया वाहन चलना कम हो गया है. 28 अक्तूबर तक हालात बहुत कुछ बदलेंगे ऐसा मान रहे हैं यहां के लोग.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement