छपरा (सदर).: बाल विकास परियोजना के तहत अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर किसी भी प्रकार की अनियमितता बरतनेवाली सेविका-सहायिका के विरुद्ध सरकार ने कड़ा रख अख्तियार किया है. आइसीडीएस निदेशालय के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, डीपीओ तथा सीडीपीओ को पत्र भेज कर निर्देश दिया है कि किसी भी स्थिति में सेविका-सहायिका एक ही बार अवकाश में नहीं जा सकती हैं.
Advertisement
अनियमितता हुई, तो सेविका सहायिका पर होगी कार्रवाई
छपरा (सदर).: बाल विकास परियोजना के तहत अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर किसी भी प्रकार की अनियमितता बरतनेवाली सेविका-सहायिका के विरुद्ध सरकार ने कड़ा रख अख्तियार किया है. आइसीडीएस निदेशालय के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, डीपीओ तथा सीडीपीओ को पत्र भेज कर निर्देश दिया है कि किसी भी स्थिति में सेविका-सहायिका एक […]
यदि अपरिहार्य कारणवश दोनों अनुपस्थित होती हैं, तो महिला पर्यवेक्षिका को सूचित करने के बाद आंगनबाड़ी विकास समिति के प्रतिनिधि आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन करेंगे.
केंद्र पर बच्चों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम होने पर सेविका एवं सहायिका को जिम्मेवार माना जायेगा. वहीं पोषाहार की मात्र कम पाये जाने पर सेविका के 15 दिन के मानदेय राशि की कटौती करने का प्रावधान किया गया है. यही नहीं, यदि इस कारगुजारी में सुधार नहीं हुआ, तो चयनमुक्ति की प्रक्रिया भी की जा सकती है. वहीं, टीएचआर वितरण दिवस पर उचित मात्र में टीएचआर वितरण नहीं करने तथा दो माह में दो बार या एक वर्ष में तीन बार अनियमितताओं की पुनरावृत्ति जांच के दौरान पायी जाती है, तो ऐसी स्थिति में सेविका-सहायिका की चयन मुक्ति के लिए जांच करनेवाले पदाधिकारी के द्वारा जिला प्रोग्राम पदाधिकारी से अनुशंसा की जायेगी.
वहीं, आंगनबाड़ी केंद्र पर बोर्ड टंगे नहीं होने, साफ-सफाई नहीं होने की स्थिति में या बोर्ड चोरी होने की स्थिति में बोर्ड लगवाने की राशि सेविका से वसूल की जायेगी. विभाग ने जांच से जुड़े पदाधिकारियों को जांच के दौरान सर्वप्रथम पंजी के अनुसार, केंद्र पर बच्चों के भौतिक सत्यापन के अलावा अन्य सुविधाओं की गहन जांच का निर्देश दिया है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement