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मायूस हुए लोग, स्तब्ध शहर

संवाददाता, छपरा (सारण) .राजद अध्यक्ष सह स्थानीय सांसद लालू प्रसाद को चारा घोटाला मामले में जैसे ही पांच वर्ष की सजा सुनाये जाने की खबर मिली, शहर के लोग स्तब्ध रह गये. वहीं, मायूसी व उदासी का माहौल छा गया. चाय-पान की दुकानों से लेकर सरकारी कार्यालयों, कोर्ट-कचहरी, गांव-देहात के गली-गलियारे तक सजा होने की […]

संवाददाता, छपरा (सारण) .राजद अध्यक्ष सह स्थानीय सांसद लालू प्रसाद को चारा घोटाला मामले में जैसे ही पांच वर्ष की सजा सुनाये जाने की खबर मिली, शहर के लोग स्तब्ध रह गये. वहीं, मायूसी व उदासी का माहौल छा गया. चाय-पान की दुकानों से लेकर सरकारी कार्यालयों, कोर्ट-कचहरी, गांव-देहात के गली-गलियारे तक सजा होने की खबर फैली, लोगों में मायूसी व उदासी बढ़ती गयी. करीब चार दशक से लगातार सारण की राजनीति पर धाक रखनेवाले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव केवल खास ही नहीं, बल्कि आम लोगों पर भी राज करने वाले अद्भुत नेता हैं, जो लगभग प्रत्येक गांव की गालियों से न केवल वाकिफ हैं, वरन बहुसंख्यक लोगों को व्यक्तिगत रूप से नाम से जानते हैं. इतना ही नहीं, लालू प्रसाद को छपरा शहर के भूंजा, पान और रसगुल्ला की दुकानों की पहचान भी है. वह पंकज सिनेमा रोड स्थित भूंजा की दुकान हो या फिर, नगरपालिका चौक के सीताराम की पान दुकान या फिर सलेमपुर का घोष मिष्टान भंडार. लालू प्रसाद को यह भी पता रहता है कि कौन दुकान कितनी देर तक खुली रहती है. दियारा क्षेत्र के भी प्राय: सभी गांवों और वहां होनेवाली लोक संस्कृति से जुड़ी चैता के आयोजन उन्हें काफी पसंद है. यह उनके खांटीपन और गांवों से गहरे लगाव व जुड़ाव ही है कि लोगों में काफी मायूसी है. आम लोगों को इसकी आशा नहीं थी. नगरपालिका चौक पर गुरुवार को संध्या समय प्राय: सभी लोग सजा सुनाये जाने को लेकर चर्चा करते रहे और मायूसी जताते रहे.

कार्यकर्ताओं में चुप्पी

दिघवारा/सोनपुर . चारा घोटाले में गुरुवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसादको सजा सुनाये जाने के बाद सोनपुर विधानसभा क्षेत्र में उनके चाहने वालों के बीच मायूसी देखी गयी. विशेष कर वैसे लोग काफी दुखी दिखायी पड़े, जिन्हें लालू का शागिर्द समझा जाता था. सजा सुनाये जाने के बाद जब ऐसे लोगों से प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गयी, तो लालू के चाहनेवाले बहुत से लोग चुप ही है. उननें कुछ लोगों का कहना था कि गरीबों के नेता अब जेल में रहेंगे, तो गरीबों की आवाज कौन उठायेगा. नगर पंचायत के शंकरपुर रोड निवासी मो. सबीर हुसैन लालू के काफी नजदीकी समङो जाते थे. जब कभी दिघवारा प्रखंड अधीन क्षेत्रों में लालू का कार्यक्रम होता, उसके जयकारा करने वाले लोगों में सबीर हुसैन सबसे आगे दिखाई पड़ते. गुरुवार को सबीर हुसैन की आखों के आंसू बताने को काफी है कि फैसला सुनाये जाने के बाद वे कितने दुखी हैं. इतना ही नहीं, पिछली बार लालू प्रसाद दिघवारा रामजंगल सिंह कॉलेज परिसर में नव निर्मित बीर कुंवर सिंह भवन का उद्घाटन करने अपने सहयोगी प्रभुनाथ सिंह के साथ पहुंचे थे एवं कॉलेज के सचिव अशोक कुमार सिंह को राजद की सदस्यता ग्रहण करवायी थी.

इतना ही नहीं अवतार नगर के देवरिया गांव के समीप लोगों की जेहन में गुरुवार को लालू दिखायी पड़े, क्योंकि पिछली बार लालू जब उनके गांव के नजदीक एक यज्ञ में शामिल होने आये थे तो मंच पर चढ़ते ही मंच धराशायी हो गया था एवं संभलते हुए लालू ने गंवई अंदाज में कहा था कि तू सब चिंता छोड़ द इ गांव में भूत पिशाच के डेरा रहल, हम आ गइल बानी सब भूत-पिशाच पर चढ़ के बैठ गइल बानी.

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