छपरा (सारण): वन एवं पर्यावरण को संतुलित करने की जिले में शुरू हो गयी है. पर्यावरण पर प्रदूषण के बढ़ते खतरे व वृक्षों की घटती संख्या तथा बढ़ती आबादी को दृष्टि में रखते हुए प्रशासन द्वारा जिले में 60 किलोमीटर नहर व नदी के किनारे पौधारोपण कराया जायेगा. 30 किलोमीटर सड़क के किनारे भी पौधा लगाये जाने की योजना पर कार्य शुरू हो गया है.
इसके लिए जिले की 10 नर्सरियों में करीब 13 लाख पौधा तैयार किये गये हैं. इनमें फलदार, छायादार व सजावटी पौधे शामिल हैं. पर्यावरण पर बढ़ते प्रदूषण के खतरे को कम करनेवाले पौधों खास कर नीम, पीपल के पौधों को भी प्राथमिकता दी जा रही है. अमरूद, शरीफा, आंवला समेत अन्य फलदार पौधे भी तैयार किये जा रहे हैं. 60 किलोमीटर नहर व नदी के किनारे लगभग एक लाख पौधे लगाये जायेंगे. जबकि 30 किलोमीटर सड़कों के किनारे 25 हजार पौधारोपण होगा. इसी तरह शहरी क्षेत्र में चार सौ बांस गेबियनयुक्त पौधे लगाये जायेंगे. सरकारी स्कूल, कॉलेजों अस्पताल, प्रखंड सह अंचल कार्यालय समेत सभी सरकारी संस्थानों के परिसरों में भी पौधा लगाने की योजना है. विद्यालयों में पौधारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजना शुरू की जा रही है. छात्रों को इसके लिए प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए किसानों को नि:शुल्क पौधे उपलब्ध कराये जा रहे है.
यहां उपलब्ध हैं पौधे
छपरा चिल्ड्रेन पार्क के पास, मांझी, एकमा, गड़खा, मशरक, बनियापुर, तरैया, परसा, दिघवारा प्रखंड कार्यालयों के पास वन विभाग के नर्सरी में पौधे उपलब्ध हैं. इसके अलावा जलालपुर में तीन स्थानों एवं छपरा में एक स्थान पर किसान द्वारा नर्सरी में पौधे तैयार किये गये हैं.