।। नदीम अहमद ।।
छपरा : ‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो’ उक्त पंक्तियों को सारण के पांच सपूतों ने सच कर दिखाया है. सूबे के सबसे प्रतिष्ठित बीपीएससी की परीक्षा में चौथा रैंक हासिल करने के साथ ही एक साथ पांच युवाओं की सफलता से जिले के बुद्धिजीवियों व छात्र–छात्राओं में हर्ष व जश्न का माहौल है.
कामयाबी का इतिहास लिखने वालों में जिले के लहलादपुर के मोहम्मद मुश्ताक (चौथा रैंक), छपरा शहर के जफरूद्दीन (438 रैंक), रिविलगंज के हितेश कुमार यादव (437 रैंक), एकमा के नौशाद आलम (358 रैंक) व राजेश भूषण (366 रैंक) शामिल हैं. खास बात यह है कि पांचों युवक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. मोहम्मद मुश्ताक लहलादपुर निवासी कपड़ा व्यवसायी मो जहीरूद्दीन के सबसे छोटे पुत्र हैं. पूर्व में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 722 वें स्थान पर सफलता हासिल की थी.
पुलिस उपाधीक्षक के रूप में सफल मुश्ताक ने प्रारंभिक शिक्षा लहलादपुर में ही हासिल की. मुश्ताक ने अपनी सफलता के लिए मां तजीमुल निशा व भाई जमालुद्दीन के प्रोत्साहन, दोस्त, रिश्तेदारों व शिक्षकों के आशीष को कारण बताया. जफरूद्दीन राहत रोड, करीमचक निवासी मो अलीमुद्दीन व राबया खातून के तीन पुत्रों व दो पुत्रियों में सबसे बड़े हैं. वे 1994 बैच के बीपीएससी चयनित शिक्षक हैं तथा सदर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, शेरपुर में कार्यरत थे.
उन्होंने यह सफलता तीसरी बार में हासिल की. दो प्रयासों में मौखिक परीक्षा तक पहुंचे थे. बिना किसी कोचिंग की सहायता के जफरूद्दीन को 438 वां रैंक मिला व रूलर डेवलपमेंट ऑफिसर के रूप में चयन हुआ. पॉल्ट्री फार्म संचालक के पुत्र जफरूद्दीन ने मैट्रिक बी सेमिनरी से तथा ग्रेजुएशन व पीजी राजेंद्र कॉलेज से किया. आगे वे यूपीएससी को टारगेट करना चाहते हैं. हितेश रिविलगंज के पहिया गांव निवासी व रेलवे से सेवानिवृत चतुर्थवर्गीय कर्मी रामदयाल राय के पुत्र हैं.
हितेश ने प्रथम प्रयास में ही यह सफलता हासिल कर प्रतिभा का परिचय दिया है. उन्हें सामान्य वर्ग में 437 वां स्थान मिला. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव से हासिल की तथा इतिहास व दर्शनशास्त्र को अध्ययन का विषय चुन कर आगे बढ़े. जब उन्होंने फार्म भरा, तब उनकी उम्र मात्र 21 वर्ष एक माह थी. इस कारण पुलिस सेवा न मिलने का उन्हें मलाल है. अब आगे वे यूपीएससी की परीक्षा पास करना चाहते हैं.
नौशाद एकमा के आमडाढ़ी निवासी मोहम्मद हुसैन के पुत्र हैं. उन्होंने भी अपने प्रथम प्रयास में सफलता का परचम लहराया. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव से पाने के बाद राजस्थान से सेकेंड्री व सीनियर सेकेंडरी दिल्ली से किया. उच्च शिक्षा दिल्ली विवि से हासिल की. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता–पिता सहित चाचा फजलुर्रहमान को दिया. राजेश एकमा ब्लॉक रोड निवासी व प्रधानाध्यापक राजेंद्र सिंह व गृहिणी भाग्यरथी देवी के पुत्र हैं.
उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई गांव व जिले से करने के बाद बनारस हिंदू विवि से भूगोल में स्नातक किया. प्रथम प्रयास में सफलता हासिल करने वाले श्री सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय मां–पिता तथा रिविलंज निवासी ससुर चंद्र भूषण सिंह के मार्गदर्शन को दिया है. वहीं, जलालपुर के चतरा निवासी शिक्षक राम कुमार सिंह व गृहिणी इंदू देवी के पुत्र अभिषेक चौहान ने 522 वां रैंक प्राप्त किया है.
जबकि इसी प्रखंड के मुसेहरी निवासी महेश्वर प्रसाद के पुत्र अवनीश कुमार ने भी बीपीएससी के सफल छात्रों में अपना नाम शामिल कर गांव, प्रखंड व जिले का नाम रोशन किया है. अवनीश ने अपनी सफलता का श्रेय मां–पिता के आशीर्वाद व मुजफ्फरपुर में डीडीसी के रूप में कार्यरत अपने बड़े भाई प्रणय कुमार के मार्गदर्शन को दिया है.
* नाजिर के पुत्र ने मारी बाजी
मशरक : प्रखंड कार्यालय में कार्यरत नाजीर वकील प्रसाद के द्वितीय पुत्र अवधेश कुमार का चयन बिहार प्रशासनिक सेवा के तहत जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी के पद पर हुआ है. बीपीएससी परीक्षा में 166 वां रैंक प्राप्त कर इस पद पर पहुंचे अवधेश कुमार बताते हैं कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी पूर्वक करेंगे. गृहिणी मां आशा देवी के साथ तीन भाई–बहनों में अवधेश सबसे छोटे हैं. सीमावर्ती गोपालगंज जिले के बैंकुंठपुर थाना क्षेत्र के छपियां गंभारी गांव के रहने वाले वकील प्रसाद मशरक प्रखंड कार्यालय में पिछले वर्ष से ही कार्यरत हैं.