डोरीगंज (छपरा) : खतरों से खेल, खतरों से निबट, हौसलों की उड़ान उड़, तबाही को चकमा दे, किसी भी आपदा से पीड़ितों को सुरक्षित बाहर निकाल लानेवाली टीम का नाम है नेशनल डिजास्टर रिसोर्स फोर्स (एनडीआरफ).
एनडीआरफ की टीम इस समय सारण में है. इस टीम के जवान बाढ़ से उपजी तबाही के बीच भयग्रस्त बाढ़पीड़ितों को सुरक्षा का एहसास दिला रहे हैं. चारों तरफ से पानी से घिर चुके और पानी में रह कर अपनी दिनचर्या निबटा रहे लोगों के निवाले के प्रबंध में तो स्थानीय प्रशासन लगा ही है, लेकिन उन्हें जीने का एहसास, उनमें जी जाने का विश्वास भरने वाले बीएसएफ, सीआइएसएफ, आइटीबीपी आदि के जवान इस समय बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में नदी की धारा पर कुलांचे भर रहे हैं. सारण के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित दियारा के क्षेत्रों में यह टीम लगातार कैंप कर रही है.
रविवार की दोपहर 9 बीएन एनडीआरफ चार्ली कंपनी के टीम कमांडर इंस्पेक्टर पीपी डुंगडुंग अपनी टीम के साथ सदर प्रखंड के चिरांद तिवारी घाट पहुंचे. यहां जवानों ने गाड़ी से दो बैग उतारे, जो थोड़ी ही देर में मोटरबोट की शक्ल ले चुके थे.
लोग कौतूहल से टीम को देख ही रहे थे कि जवान बोट में सवार हो बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की ओर कूच कर गये. तेज धारा को चीरती हुई उनकी बोट शीघ्र ही लोगों की आंखों से ओझल हो गयी, जो देर शाम वापस आती दिखी. एक बोट का नेतृत्व खुद टीम कमांडर डुंगडुंग कर रहे थे जबकि दूसरी बोट का नेतृत्व टीम ट्वाइसी देवेंद्र सिंह संभाले हुए थे.
लालजी शुक्ला, संजय कुमार, नीतीश कुमार, नरेश साहू, देवेंद्र सिंह, जयंत तिवारी, भास्कर, अजय रॉक समेत अन्य बोट पर थे, तो उनकी वापसी के इंतजार में हवलदार एसके तिवारी, सतीश कुमार, धनंजय कुमार, संत कुमार. बोट पर सवार जवान जिस भी क्षेत्र से गुजरे, भय से कांपते लोगों को सुरक्षा का एहसास दिला गये. चिरांद, डोरीगंज, भैरोपुर, दफदरपुर, सिंगही, मेहरौली, मदनपटी, डुमरी, नेहाला टोला, पूर्वी बलुआ, पछियारी बलुआ, पिपरा टोला, कंसदियर, मौजमपुर, झौवा आदि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जवानों ने दौरा किया और उन्हें आश्वस्त किया कि सेना व सरकार उनके साथ है.
वापसी के बाद टीम कमांडर ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा उन्हें बताया गया है कि 15 तक पानी बढ़ने की आशंका है. हम किसी भी स्थिति से निबटने के लिए हर पल तैयार हैं. टीम ने इलाकों में अपने नंबर भी बांटे और खतरे की स्थिति में कभी, 24 घंटे कॉल करने की बात कही.