छपरा (सदर) : सारण जिले में वैसे तो अपराध की कई बड़ी घटनाएं हुई हैं, जिसमें राजनीतिक हत्याओं के साथ–साथ बड़े व्यवसायियों व पदाधिकारियों को पेशेवर अपराधियों ने शिकार बनाया. परंतु, किसी भी मामले में पुलिस प्रशासन ने पॉलीग्राफी टेस्ट की जरूरत नहीं समझी.
परंतु, मशरक प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, गंडामन में 23 बच्चों की विषाक्त भोजन खाने से मौत व महिला रसोइया समेत 25 को पीड़ित होने के मामले में अभियुक्त बनायी गयीं प्रधानाध्यापिका मीना देवी के पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए न्यायालय में रिमांड पर लेने के लिए अनुमति जिला पुलिस ने मांगी है.
इसे लेकर बुधवार को मंडल कारा में बंद प्रधानाध्यापिका मीना देवी को येन–केन प्रकारेण सूचना मिलने के बाद उनके चेहरे पर एक बार फिर तनाव की बात कारा के कर्मी बताते हैं. वहीं, प्रथम दृष्टया हुई जांच के दौरान घोर लापरवाही से हुई इस घटना में अभियुक्त बनीं मीना देवी पर पुलिस के कसते शिकंजे को लेकर विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों व बुद्धिजीवियों में पूरे दिन चर्चाएं रहीं.
कई विद्यालयों के प्रधान तो एमडीएम बनाने के दौरान किसी भी अप्रिय घटना के होने पर मीना देवी के साथ पुलिस व प्रशासन की कानूनी कार्रवाई को लेकर सहमे दिखे. कई प्रधानाध्यापकों ने तो यहां तक कहा कि प्रधानाध्यापिका पेशेवर अपराधी नहीं हैं. बावजूद प्रथम दृष्टया लापरवाही को लेकर हुई इस बड़ी घटना ने उनके व उनके परिवार की चैन छीन ली है. उधर, घटना के बाद उनके पति जहां अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायालय का चक्कर लगा रहे हैं, वहीं उनके दोनों बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों में खौफ बरकरार है.
वहीं उनके बच्चे विगत एक पखवारे से ज्यादा समय से घर छोड़ कर किसी–न–किसी संबंधी के यहां रह रहे हैं. उनकी पढ़ाई बाधित है. उधर, जेल प्रशासन का कहना है कि पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए आदेश मिलने के बाद जब पुलिस न्यायालय का आदेश दिखायेगी, उसके बाद ही मीना देवी को जेल से निकाला जायेगा.
* शिक्षकों व बुद्धिजीवियों में प्रधानाध्यापिका को पॉलीग्राफ जांच के लिए रिमांड पर लेने को ले चर्चा
* पॉलीग्राफ टेस्ट से गुजरनेवाली सारण की पहली अभियुक्त होंगी मीना देवी
* 16 जुलाई की घटना के बाद दोनों बच्चों की पढ़ाई पर लगा ब्रेक, भय से इधर–उधर रह रहे हैं छिप कर