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..अपने मंसूबे में नाकाम हो गये पूर्व डीआइजी

छपरा (कोर्ट) : पूर्व डीआइजी आलोक कुमार यहां आये थे अपने वरीय अधिकारियों पर मामला दर्ज कराने, परंतु उन पर ही मामला दर्ज हो गया. जिस सारण प्रक्षेत्र के श्री कुमार कभी डीआइजी थे, उसी सारण के एक थाने के एक एएसआइ ने गैर जमानतीय धाराओं के तहत उन पर रविवार की रात प्राथमिकी दर्ज […]

छपरा (कोर्ट) : पूर्व डीआइजी आलोक कुमार यहां आये थे अपने वरीय अधिकारियों पर मामला दर्ज कराने, परंतु उन पर ही मामला दर्ज हो गया.

जिस सारण प्रक्षेत्र के श्री कुमार कभी डीआइजी थे, उसी सारण के एक थाने के एक एएसआइ ने गैर जमानतीय धाराओं के तहत उन पर रविवार की रात प्राथमिकी दर्ज करा उनकी परेशानियों में इजाफा कर दिया है.

रविवार की संध्या थाने पहुंचे थे पूर्व डीआइजी

रविवार की संध्या 6.45 बजे श्री कुमार अपने 4-5 सहयोगियों के साथ भगवान बाजार थाना परिसर में स्थित अनुसूचित जाति जन जाति थाने में वाहन से पहुंचे. वहां पहुंचते ही थानाध्यक्ष विनोद कुमार राम के मोबाइल पर फोन किया, जो बिना छुट्टी लिये 28 जून से ही फरार थे. परंतु थानाध्यक्ष ने अपने अधीनस्थ चंद्रमौली प्रसाद को उनके पास यह कह कर भेजा कि कुछ लोग थाने पर आये हैं.

भरायी एफआइआर की प्रविष्टियां

डीआइजी श्री कुमार ने एएसआइ को अपने पद का रौब दिखाते हुए प्रविष्टियां भरने को कहा परंतु चंद्रमौली द्वारा बड़ा बाबू के इजाजत पर ही भरने की बात कहने पर न केवल धमकाया बल्कि बड़ा बाबू से भी डांट खिलवाया, तब डर कर एएसआइ ने फॉर्म भरा.

उड़ायी नियमों की धज्जियां

श्री कुमार ने एक वरीय अधिकारी होते हुए भी कानून को दरकिनार करते हुए थानाध्यक्ष के बदले एक एएसआइ से एफआइआर दर्ज करवायी. वहीं, संविधान के वर्णित नियमों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार एकमात्र (एसएचओ) थानाध्यक्ष को ही है. इतना ही नहीं, कनीय अधिकारी से हस्ताक्षर करवा उससे रिसीविंग भी ली तथा कानून को ताक पर रख प्राथमिकी का मोबाइल से फोटो भी खिंचवाया.

आये थे वरीय अधिकारियों पर मामला दर्ज कराने

पूर्व डीआइजी वरीय अधिकारियों पर एक खास जाति विशेष के अधिकारी होने के नाते मानसिक दोहन करने का आरोप लगाते हुए पुलिस महानिरीक्षक अभयानंद, आइजी ऑपरेशन अमित कुमार तथा आर्थिक अपराध इकाई के आइजी प्रवीण वरिष्ठ को अभियुक्त बनाते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी,जिसे कुछ मिनटों के बाद ही त्रुटिपूर्ण होने के नाते उक्त प्राथमिकी को कैंसिल भी कर दिया गया.

थानाध्यक्ष नियुक्त

एसपी श्री कुमार ने तत्काल अवर निरीक्षक संजय तिवारी को उक्त थाने का थानाध्यक्ष नियुक्त करते हुए डीआइजी द्वारा भरवायी गयी एफआइआर भी प्रविष्टि का जांच करने को कहा तथा 8.45 वे थाना से कूच कर गये. नये थानाध्यक्ष श्री तिवारी ने रात 11 बजे उक्त प्रविष्ट की जांच कर उसे त्रुटिपूर्ण पाते हुए निरस्त कर दिया.

एसआइ मिथिलेश करेंगे जांच

भगवान बाजार थाना कांड संख्या 118/13 में चंद्रमौली प्रसाद द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी का जांच का जिम्मा थानाध्यक्ष केशरीचंद ने एसआइ मिथिलेश कुमार को सौंपा है.

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