छपरा : सूबे की सरकार अल्पसंख्यक की बेहतरी के लिए अनेक योजनाएं चला रही है. पूर्व की सरकार का अल्पसंख्यक कल्याण के लिए मात्र तीन करोड़ 45 लाख का बजट था. लेकिन नीतीश कुमार की सरकार ने अल्पसंख्यक समाज के लिए खजाना खोल दिया है. चालू वित्तीय वर्ष में अल्पसंख्यक विकास मद में 436 करोड़ के बजट का प्रावधान है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार अल्पसंख्यक समाज के विकास के प्रति गंभीर है. उक्त बातें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो फिरोज उर्फ खुर्शीद अहमद ने बुधवार को समाहरणालय परिसर में लगभग 42 लाख की लागत से नवनिर्मित भवन का उद्घाटन समारोह में कहीं.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने केवल अकलियतों को इस्तेमाल करने का काम किया था. वर्तमान सरकार में अल्पसंख्यकों के लिए जितनी योजनाएं चल रही हैं इससे पूर्व नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि 2006-07 में तलाकशुदा महिलाओं के उत्थान के लिए 10 हजार रुपये का आर्थिक सहायता दी जाती थी जिसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया है. अल्पसंख्यकों को रोजगार के लिए 100 करोड़ का बजट में प्रावधान था. इससे सूबे के बेरोजगारों को एक से पांच लाख तक ऋण पांच प्रतिशत साधारण ब्याज पर उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की ही देन है कि अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय का उद्घाटन हो रहा है. अब एक ही परिसर में शिया वक्फ बोर्ड, सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा अल्पसंख्यक वित्तीय निगम का कार्यालय होगा. इस अवसर पर विधान पार्षद प्रो वीरेंद्र नारायण यादव ने अपने संबोधन में कहा कि सारण मौलाना मजहरुल हक, डॉ राजेंद्र प्रसाद, भिखारी ठाकुर की धरती है. यहां गंगा, जमुना की तहजीब की मिसाल है. डॉ यादव ने नीतीश कुमार की सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों के हित में बेहतर कार्य हो रहा है. उन्होंने साझी संस्कृति का माहौल बनाये रखने में सब को मिलकर प्रयास करने की जरूरत बतायी. सरकार व जिला प्रशासन भी इसके प्रति गंभीर है. विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने कहा कि एक कमरे में कार्यालय चलता था जिससे काफी दिक्कतें होती थीं.
अब भवन बन जाने से काफ़ी सहूलियत होगी. उन्होंने सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया. अतिथियों का स्वागत जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी उपेंद्र कुमार यादव ने किया. इस अवसर पर जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, एसडीओ चेतनारायण राय, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक राजीव रंजन, वरीय जदयू नेता शैलेंद्र प्रताप, बैधनाथ सिंह विकल, जिला जदयू अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू, अल्पसंख्यक के अब्दुल रहीम राइन, राबता कमेटी के अफजल हुसैन खां, शिया वक्फ बोर्ड के सचिव सैयद काजिम रजा रिजवी, सैयद फैयाज इमाम, राजद जिलाध्यक्ष जिलानी मोबिन, जदयू के जहांगीर आलम उर्फ मुन्ना, वजैर अहमद, भोला राय, रालोसपा के अशोक कुशवाहा आदि उपस्थित थे.