छपरा : शहर की सड़कों पर कितने गड्ढे हैं और सड़कों के बीचोंबीच या दोनों ओर बने नाले और फुटपाथों पर कितने जगह स्लैब टूटे हैं यह गिनती करना आजकल बहुत आसान हो गया है. यदि आपको यकीन न हो तो छपरा के गांधी चौक से लेकर गुदरी तक टूटे हुए स्लैब के आंकड़ों को गिनने सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक पर जरूर निकलें. छपरा शहर से गुजरने वाले इस मार्ग में आपको 60 से भी ज्यादा टूटे स्लैब, बिना ढक्कन वाले मैनहोल नजर आ जायेंगे. इनमें से लगभग एक दर्जन टूटे स्लैब और खुले नालों के कारण दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है. पैदल चलने वाले राहगीरों के लिए तो यह जानलेवा भी है उसके बाद भी इसे दुरुस्त किये जाने के प्रति नगर निगम लापरवाह नजर आ रहा है.
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गांधी चौक से भगवान बाजार के बीच 60 जगहों पर टूटे हैं नालों के स्लैब, बनी रहती है दुर्घटना की आशंका
छपरा : शहर की सड़कों पर कितने गड्ढे हैं और सड़कों के बीचोंबीच या दोनों ओर बने नाले और फुटपाथों पर कितने जगह स्लैब टूटे हैं यह गिनती करना आजकल बहुत आसान हो गया है. यदि आपको यकीन न हो तो छपरा के गांधी चौक से लेकर गुदरी तक टूटे हुए स्लैब के आंकड़ों को […]
समाहरणालय व एसडीओ आवास के पास भी है समस्या : शहर के मेन रोड के अगल-बगल तो टूटे स्लैब व बिना ढक्कन के मैनहोल काफी संख्या में मौजूद है. वहीं सारण समाहरणालय रोड में बने फुटपाथ के पास और सदर एसडीओ आवास के एंट्रेंस पर भी टूटा स्लैब व बिना ढक्कन का मैनहोल है, जो कभी दुर्घटना को न्योता दे सकता है. शहर का हार्ट कहा जाने वाले नगरपालिका चौक पर भी फुटपाथ के नालों के बीच एक बड़ा गैप है. सलेमपुर चौक जहां से व्यवहार न्यायालय, छपरा कचहरी स्टेशन, नगरपालिका चौक और मौना चौक की ओर रास्ता जाता है वहां भी सड़क के बीचोबीच बने नाले में गैप हैं जिसमें आये दिन वाहनों के पहिये फंस जाते हैं. सबसे ज्यादा जर्जर स्थित तो मौना चौक के पास है. यहां चौक से सटे साढ़ा जाने वाले रास्ते में सड़क के बीच में ही नाले के स्लैब का एक बड़ा हिस्सा टूटा है.
मेंटेनेंस के लिए पानी की तरह बहाया गया पैसा
शहरी क्षेत्र में मेन रोड के दोनों किनारे नाले पर स्लैब ढालकर उसपर स्टोन फिटिंग कराने के लिए दो वर्ष पहले डूडा द्वारा लाखों रुपये खर्च किये गये थे. वहीं नगर निगम के अंतर्गत भी नालों का निर्माण व उसपर स्लैब ढालने का कार्य हुआ था जिसके लिए पैसा पानी की तरह बहाया गया. नगर निगम द्वारा नाले की सफाई के नाम पर जगह-जगह से स्लैब तोड़े जाते हैं और मैनहोल भी साफ कराया जाता है.
निगमकर्मियों की लापरवाही से ढक्कन खुले छोड़ दिये जाते हैं वहीं टूटे हुए स्लैब को भी बिना मरम्मत के छोड़ दिया जाता है जिससे शहरी क्षेत्र में यह समस्या बनी हुई है. राहगीर व स्कूली बच्चे कई बार इन नालों में गिरने से बाल-बाल बचे हैं.
इन जगहों पर है मेंटेनेंस की जरूरत
मेवालाल चौक के पास
मौना पकड़ी रोड
मौना चौक से उत्तर
सलेमपुर चौक
नगरपालिका चौक
समाहरणालय रोड
डाकबंगला रोड
एसडीओ आवास के पास
भगवान बाजार रोड
गुदरी श्यामचक रोड
क्या कहते हैं जिम्मेदार
स्लैब नहीं होने के कारण जहां परेशानी है उसे जल्द ही ठीक कराया जायेगा. जो मैनहोल खुले हैं उन्हें ढकने का निर्देश दिया गया है.
अजय कुमार सिन्हा, नगर आयुक्त.
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