मढ़ौरा(सारण) : आज भी समाज में बेटियां उपेक्षा की शिकार हो रही हैं. बेटों की चाहत में बेटियां कभी झाड़ी में तो कभी फुटपाथ पर पड़ी हुई मिलती हैं. कुछ ऐसा ही मामला प्रखंड के मिर्जापुर में देखने को मिला. मिर्जापुर स्थित बाजार से पूरब बंसवाड़ी में एक नवजात बालिका रोती हुई मिली. मंगलवार की रात्रि करीब सात बजे बाजार के समीप किसी नवजात के रोने की आवाज सुन कर लोग जब बच्चा खोजने लगे तो देखा कि बंसवाड़ी में एक नवजात बच्ची फेंकी हुई है. इसके बाद पूरे गांव में यह बात आग कि तरह फैल गयी.
लोग कह रहे थे आखिर इस बच्ची का क्या कुसूर है , जिसे ऐसे झाड़ी में फेंक दिया. बाद में ग्रामीणों के कहने पर नवजात बच्ची को मिर्जापुर के ही दंपत्ति लालबाबू गोस्वामी व ममता देवी ने गोद ले लिया. लालबाबु गोस्वामी की पत्नी ममता देवी को एक पुत्री समेत चार बच्चे हैं लेकिन फिर भी जब उन्होंने रोती हुए बच्ची को देखा तो बच्चे के लिए ममता उमड़ पड़ा. कुछ लोगों के द्वारा यह भी कहा जा रहा था कि जैसा नाम वैसा गुण. ममता देवी बहुत सालों तक एक निजी विद्यालय में बतौर शिक्षिका बच्चों के बीच शिक्षा को बांट चुकी है. उनका कहना है कि मैं अपने पुत्र-पुत्रियों के समान इसका पालन-पोषण भी करूंगी. यह मेरे लिए अपनी पुत्री के समान है.
मानवता की मिसाल देने वाले उक्त दंपति भी चर्चा के विषय बने हुए हैं. मौके पर अजीत भगत, लालबाबु भक्त, अमजद अली, मंजुर अली सहित अन्य उपस्थित थे.