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चिकनपॉक्स : इलाज में आड़े आ रहा अंधविश्वास

एक सप्ताह में तीन बच्चों की हो गयी मौत मेडिकल टीम की सलाह नहीं मान रहे हैं दलित बस्ती के ग्रामीण जलालपुर : प्रखंड के सम्हौता गांव का मुसहर टोली में अंधविश्वास के कारण ग्रामीणों ने अपने बच्चों का इलाज नहीं कराया जिसके कारण एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत हो गयी. अंधविश्वास के […]

एक सप्ताह में तीन बच्चों की हो गयी मौत
मेडिकल टीम की सलाह नहीं मान रहे हैं दलित बस्ती के ग्रामीण
जलालपुर : प्रखंड के सम्हौता गांव का मुसहर टोली में अंधविश्वास के कारण ग्रामीणों ने अपने बच्चों का इलाज नहीं कराया जिसके कारण एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत हो गयी. अंधविश्वास के कारण ग्रामीण मेडिकल टीम की सलाह को भी नहीं मान रहे हैं.
इस वजह से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं. काफी मशक्कत के बाद मेडिकल टीम को कुछ हद तक सफलता मिली है और लोगों को इलाज कराने के लिए राजी कर लिया है.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सिविल सर्जन डॉ ललित मोहन प्रसाद के प्रयास के बाद पीड़ितों के ब्लड का नमूना ले सकी. प्रखंड प्रमुख व मुखिया के समझाने पर ग्रामीण इलाज कराने को तैयार हो गये. इस गांव में एक माह से चेचक फैला हुआ है. इस बीमारी से एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत हो गयी. मरने वालों में पांच से आठ वर्ष के बच्चे शामिल हैं जिसमें दारा मुसहर की बेटी दीपा,राघो मुसहर की बेटी लालमुनी तथा गुलाब मुसहर की बेटी अनिता शामिल हैं.
अब भी करीब एक दर्जन बच्चे आक्रांत हैं. गांव में जाकर मेडिकल टीम के द्वारा कई बार आग्रह किया गया. बावजूद इसके ग्रामीणों ने दवा लेने से इन्कार कर दिया. ग्रामीण इसे दैवीय प्रकोप बताकर मेडिकल टीम के अनुरोध को ठुकरा दिया जिससे परेशान स्वास्थ्यकर्मियों ने सिविल सर्जन को सूचना दी.
मौके पर जब सिविल सर्जन पहुंचे, तब भी ग्रामीण मेडिकल टीम की सलाह मानने को तैयार नहीं हो रहे थे. सिविल सर्जन और पंचायत प्रतिनिधियों के समझाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने को ग्रामीण तैयार हुए.
जागरूकता का है ग्रामीणों में अभाव
पूरी बस्ती के आक्रांत होने के बावजूद जागरूकता का अभाव है. पीड़ित बच्चों के परिजन इसी वजह से दवा लेने के बजाय टोना टोटका में उलझे रहे. परिजन पानी छुआने के बाद ही दवा के प्रयोग की बात कहते रहे. एक वर्ष पहले भी काशी मुसहर की बेटी सोनी कुमारी की मौत चेचक के कारण ही हो गयी थी.
दलित बस्ती में नागरिक सुविधाओं की है कमी
मुसहर टोली के बच्चों को चेचक से आक्रांत होने की खबर कोई नयी नहीं है. इस बस्ती में प्रत्येक वर्ष बच्चे चेचक से आक्रांत होते हैं जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को फजीहत उठानी पड़ती है. ग्रामीण बताते हैं कि यहां कि मूल समस्या नागरिक सुविधाओं की कमी है. जिसे अब तक दूर नहीं किया जा सका है.इसवजह से चेचक जैसी संक्रामक बीमारी फैल रही है और बच्चों की मौत हो रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
टीम को भेज कर इलाज शुरू करा दिया गया है और पीड़ित बच्चों का ब्लड का नमूना ले कर जांच के लिए भेजा गया है. चेचक संक्रामक बीमारी है और दलित बस्ती में स्वच्छता का अभाव है. बच्चे जब बीमार पड़े थे, तब भी मेडिकल टीम ने वहां पहुंच कर बच्चों का उपचार करना चाहा, लेकिन अंधविश्वास के कारण ग्रामीणों ने इलाज कराने से रोक दिया.
डॉ ललित मोहन प्रसाद
सिविल सर्जन

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