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अध्यात्म की रसधारा से भावविभोर होंगे श्रद्धालु
आज से शुरू होकर 17 तक प्रवचनमाला में भक्ति की बहेगी बयार छपरा(नगर) : ‘सीताराम हनुमान’ के उच्चारण से शहर का माहौल भक्तिमय हो गया है. छपरा का प्रसिद्ध मारुति मानस मंदिर सज धज कर तैयार है. रामार्चा पूजन के साथ ही विधिवत रूप से श्री हनुमज्जयंती समारोह के 50वें वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ हो […]
आज से शुरू होकर 17 तक प्रवचनमाला में भक्ति की बहेगी बयार
छपरा(नगर) : ‘सीताराम हनुमान’ के उच्चारण से शहर का माहौल भक्तिमय हो गया है. छपरा का प्रसिद्ध मारुति मानस मंदिर सज धज कर तैयार है. रामार्चा पूजन के साथ ही विधिवत रूप से श्री हनुमज्जयंती समारोह के 50वें वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ हो चुका है.
आज से मंदिर प्रांगण में अगले आठ दिनों तक देश के ख्याति प्राप्त संतों का प्रवचन श्रद्धालुओं को भावविभोर करेगा. स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजन समिति द्वारा विशेष तैयारियां की गयी हैं. पूरे मंदिर प्रांगण में विशाल पंडाल का निर्माण कराया गया है, जिसमें एक हजार से भी ज्यादा श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गयी है. मारुति मानस मंदिर में जयंती समारोह के दौरान सुबह
और शाम की आरती के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं. मंदिर प्रांगण में आध्यात्मिक पुस्तकें, गायत्री सेवा संस्थान की सामग्री, आयुर्वेदिक दवाएं, पूजन सामग्री, खिलौने, मिष्टान्न आदि के दर्जनों दुकानें लगायीं गयीं हैं, जिससे आसपास का माहौल आकर्षक दिख रहा है. पूरे शहर के लोग प्रवचनमाला का लाभ उठा सकें, इसके लिए सभी प्रमुख चौक-चौराहों व मुहल्लों में ध्वनिविस्तारक लगाया गया है.
दो बजे होगा प्रवचनमाला का उद्घाटन
मारुति मानस मंदिर प्रांगण में आयोजित प्रवचनमाला का उद्घाटन आज दोपहर दो बजे अयोध्या से पधारे रामानुजाचार्य स्वामी के कर-कमलों से संपन्न होगा. सारणवासियों को इस बार अयोध्या के स्वामी वासुदेवाचार्य विधा भास्कर, हरदोई से सुश्री प्रज्ञा भारती गिरि, भोपाल से साध्वी प्रज्ञा भारती दूबे, वृंदावन से स्वामी भरत दास, खलीलाबाद से वैराज्ञानंद महाराज, काशी से कृष्णनंद त्रिपाठी रामायणी व राजर्षी गांगेय हंस तथा छपरा के विद्याभूषण कवि जी और शिववचन जी महाराज के उपदेशों से लाभान्वित होने का अवसर मिलेगा.
शहर का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन
हनुमज्जयंती समारोह शहर का सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान है. हर वर्ष सारण जिले के अलावा सीवान, गोपालगंज व हाजीपुर से हजारों की संख्या में प्रवचन का श्रवण करने श्रद्धालु आते हैं. प्रतिदिन प्रातः पांच बजे से रामचरितमानस का संगीतमय पाठ आयोजित किया जाता है.
दीपावली के एक दिन पूर्व तक प्रवचन व अनुष्ठान आयोजित होता है. समापन के दिन जलाभिषेक व हवन में श्रद्धालु शामिल होते हैं.
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