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चावल आपूर्ति करने में घोटाला करने वाले जायेंगे जेल

धान व चावल घोटाले के दो बड़े मामले की जांच सीआइडी कर रही है और दो मामलों की मॉनीटरिंग जोनल आइजी के स्तर पर की जा रही है. सारण, सीवान तथा गोपालगंज जिले में करोड़ों रुपये के सरकारी धान व चावल घोटाले का मामला विभिन्न थानों में दर्ज है. सरकार के निर्देश पर इन मामलों […]

धान व चावल घोटाले के दो बड़े मामले की जांच सीआइडी कर रही है और दो मामलों की मॉनीटरिंग जोनल आइजी के स्तर पर की जा रही है. सारण, सीवान तथा गोपालगंज जिले में करोड़ों रुपये के सरकारी धान व चावल घोटाले का मामला विभिन्न थानों में दर्ज है. सरकार के निर्देश पर इन मामलों में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गयी है,

जिससे आरोपितों की बेचैनी बढ़ गयी है. अब तक करीब दो सौ से अधिक मामले पांच वर्षों के अंदर दर्ज की गयी है, जिसमें पैक्स अध्यक्ष व एफसीआइ के अधिकारी- कर्मचारी, कृषि विभाग के पदाधिकारी, सहकारिता विभाग के पदाधिकारी तथा राइस मिल मालिकों की संलिप्तता है.

छपरा(सारण) : धान का क्रय करने से लेकर चावल की आपूर्ति करने तक काफी अनियमितता बरती गयी है और इस पूरे मामले में जो भी संलिप्त रहे हैं, सभी को जेल भेजा जायेगा. उक्त बातें डीआइजी अजीत कुमार राय ने सारण, सीवान तथा गोपालगंज में दर्ज धान क्रय व चावल आपूर्ति घोटाला कांडों की समीक्षा करते हुए कही. उन्होंने कहा कि धान क्रय करने से लेकर चावल की आपूर्ति करने में करोड़ों रुपये के सरकारी राशि का गबन करने की 27 कांडों की समीक्षा की गयी है
और इन मामलों के जांच अधिकारियों को शीघ्र जांच कर सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में राइस मिल मालिकों, विभागीय अधिकारियों, पैक्सो के अधिकारियों की संलिप्तता सामने आयी है. उन्होंने कहा कि सारण जिले के आठ, सीवान के 10, गोपालगंज के नौ मामलों की समीक्षा की गयी है
और यह सभी मामले एक करोड़ रुपये से कम राशि के धान व चावल घोटाले का है. उन्होंने बताया कि इन मामलों में शीघ्र चार्जशीट दाखिल करने, आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजने, प्राथमिकी में जिनका नाम नहीं है और उनकी संलिप्तता है, उनके विरुद्ध साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2011-12 , 2012-13 , 2013-14 में धान का क्रय करने से लेकर चावल की आपूर्ति करने तक की प्रक्रिया में अनियमितता बरतने की 27 प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं और इन मामलों में करोड़ों रुपये के सरकारी राशि के गबन करने की बात सामने आयी है.
उन्होंने कहा कि दर्ज प्राथमिकी में कई संलिप्त लोगों का नाम नहीं है और उनके विरुद्ध साक्ष्य मिला है. उन्होंने बताया कि इन मामलों में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि आरोपितों को शीघ्र गिरफ्तार कर जेल भेजे और जो गिरफ्तारी के भय से फरार हो गये हैं, उनकी संपत्ति की कुर्की जब्ती की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

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