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गंगा आरती को बनायेंगे सबसे बड़ा आयोजन

आस्था. केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने चिरांद में गंगा महाआरती का किया उद्घाटन, बोले डोरीगंज(छपरा) : हर हर महादेव शंभू… काशी विश्वनाथ गंगे… की ध्वनि से वातावरण से धर्मनगरी चिरांद में काशी व वृंदावन साकार हो उठा. शंख की ध्वनि से वातावरण में भक्ति के स्वर घूल गये. दीयों की रोशनी ने बाह्य के […]

आस्था. केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने चिरांद में गंगा महाआरती का किया उद्घाटन, बोले

डोरीगंज(छपरा) : हर हर महादेव शंभू… काशी विश्वनाथ गंगे… की ध्वनि से वातावरण से धर्मनगरी चिरांद में काशी व वृंदावन साकार हो उठा. शंख की ध्वनि से वातावरण में भक्ति के स्वर घूल गये. दीयों की रोशनी ने बाह्य के साथ ही सारे आंतरिक तिमीर मिटा दिये और इसी के साथ मां गंगे की महाआरती में सारा जनमानस खो गया. शुक्रवार की शाम धर्मनगरी चिरांद में इस दिव्य, अलौकिक क्षण का साक्षी जनमानस धन्य-धन्य हो उठा और गंगा मइया की जय की ध्वनि से चारों दिशाएं गूंज उठीं. बनारस से आये राजेश कौशिक की टीम ने आरती को अविस्मरणीय पल में बदल दिया.
शुक्रवार की रात गंगा महाआरती के मंच का उद्घाटन मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री व छपरा सांसद राजीव प्रताप रूडी, विशिष्ट अतिथि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरिकेश सिंह, विश्व प्रवाह के संयोजक रामाशीष सिंह, बिहार क्षेत्र के संपर्क प्रमुख अनिल ठाकुर ने संयुक्त रूप से किया. इस दौरान प्रमुख रूप से चिरांद विकास परिषद् के संरक्षक कृष्णगिरि नागा बाबा,
अध्यक्ष कृष्णकांत ओझा, छपरा विधायक डॉ सीएन गुप्ता, अमनौर विधायक शत्रुघ्न तिवारी, पूर्व विधायक ज्ञानचंद मांझी, एसडीएस के प्राचार्य अरूण सिंह, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के पूर्व प्राचार्य रामदयाल शर्मा, गंगा समग्र के जिला संयोजक ज्योतिशंकर मिश्रा, राकेश कुमार सिंह, डा नेहा पांडेय, मानस के अध्यक्ष देवेशनाथ दीक्षित, एलईओ मीरा शर्मा आदि की मौजूदगी रही. संचालन प्रणव पराग, संजय भारद्वाज व मृत्युंजय त्रिपाठी ने किया. मंच की अध्यक्षता प्रोफेसर कृष्ण कुमार द्विवेदी ने की.
हर-हर महादेव शंभु, काशी विश्वनाथ गंगे… की ध्वनि से गूंज उठा धर्मनगरी चिरांद
अपनी धरती का बढायेंगे गौरव
मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि चिरांद दुनिया का महत्वपूर्ण व दुर्लभ स्थान है, जो विभिन्न संस्कृतियों के उत्थान-पतन का साक्षी रहा है. वह पहली बार इस आयोजन में शिरकत कर रहे हैं. लेकिन यदि चिरांद विकास परिषद चाहे तो वे इस आयोजन में भरपूर सहयोग करेंगे और कोशिश रहेगी कि यह बिहार का सबसे बड़ा आयोजन हो. अपनी धरती गौरवमयी है, हम इसका गौरव और बढ़ायेंगे. उन्होंने कहा कि अभी केन्द्र में जो सरकार है, वह मां गंगा के लिए बहुत कुछ कर रही है. ऐसे में यदि चिरांद विकास परिषद आगे आकर इस दिशा में काम कर रहा है, तो जो कुछ भी संभव हो सकेगा, वे करेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि वे समयाभाव के कारण यहां पहली बार आए हैं लेकिन यदि किसी को कोई भी दिक्कत हो तो वह उनसे जब चाहे, तब मिल सकता है, उसकी परेशानी दूर कर वह खुशी महसूस करेंगे. उन्होंने इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए परिषद् के अध्यक्ष कृष्णकांत ओझा, सचिव श्रीराम तिवारी को बधाई दी.
वहीं विशिष्ट अतिथि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने कहा कि गंगा सिर्फ वही नहीं, जो बहती हैं, जो दिखती हैं, गंगा हमारे भीतर भी प्रवाहित होती हैं. बाह्य व आंतरिक गंगा का प्रवाह रुकना नहीं चाहिए और न ही इसकी धारा मलिन होनी चाहिए, इस दिशा में कोशिश सदा की जानी चाहिये. उन्होंने भरोसा दिलाया कि चिरांद पर शोध के लिये जयप्रकाश विश्वविद्यालय आगे आयेगा और अपनी तरफ से कोशिश करेगा कि यह क्षेत्र और भी ख्याति पाए, इसके और भी रहस्य खुलें.
सरकार साथ दे तो बहेगी एक और गंगा
चिरांद विकास परिषद के सचिव श्रीराम तिवारी ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और सालभर की गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा रखा. कहा कि परिषद सिर्फ गंगा महाआरती का ही आयोजन नहीं कर रही, बल्कि चिरांद को चहुंमुखी विकास की तरफ ले जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि हाल ही में आई बाढ़ में चिरांद विकास परिषद के कार्यकर्ताओं ने बाढ़ पीड़ितों को न सिर्फ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया,
बल्कि कई दिनों तक प्रभावित क्षेत्रों में कैम्प लगाकर पीड़ितों के खाने-पीने की व्यवस्था की. श्री तिवारी ने कहा कि उन्हें दुख है कि चिरांद का उत्खनन स्थल नदी के कटान में विलीन होता जा रहा है. यदि सरकार साथ दे तो यहां एक नहीं, बल्कि दो गंगा बहेंगी. वे गंगा के समानांतर चिरांद के विकास की गंगा बहता हुआ देखना चाहते हैं.
इसके बाद मंच पर आए मुख्य अतिथि राजीव प्रताप रूड़ी ने सचिव की मांगों पर सकारात्मक जवाब दिया और कहा कि यह उनका क्षेत्र है और इसलिए इसे आगे ले जाने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे.
बही सांस्कृतिक धारा
गंगा महाआरती के बाद पूरी रात बही सांस्कृतिक धारा में लोग डूबते-उतराते रहे. अभिषेक मिश्रा ने शास्त्रीय गायन का जादू चलाया तो कुमारी श्रेया ने कत्थक नृत्य से समा बांधा. कुमारी निकिता ने ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता…’ से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया. ई-टीवी फोक जलवा फेम लोक कलाकार रामेश्वर गोप ने ‘डगरिया जोहत ना…’ सुनाकर सबको झूमा दिया. सप्तम कला मंच के कलाकारों ने बटोहिया गीत ‘सुंदर सुभूमि भईया भारत के देशवा से…’ भिखारी ठाकुर को श्रद्धांजलि दी. बटोहिया गीत के लिए ज्योति, रूबी रंजन, वैभव, आदित्य, शिवम, उत्कर्ष, प्रदीप सौरभ को देर तक तालियां मिलती रहीं. स्वाति मिश्रा ने ‘गंगा तेरा पानी अमृत’ सुनाया तो श्वेता मणि मिश्रा ने भी अपनी गायकी का जादू चलाया. देवरिया से आई श्याम तिलकधारी एंड टीम ने संतोष शर्मा के निर्देशन में कई झांकियों की प्रस्तुति दी. सांस्कृतिक मंच का संचालन चिरांद विकास परिषद के सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष धनंजय मिश्र ने किया.
इस दौरान प्रभाकर कुमार पांडेय ने तबला, गुलशन ओझा गिटार, रत्नेश सिंह इन्थेसाइजर, संतोष यादव ढोलक, राजकुमार ने पैड और संतोष ने बैजू के साथ संगत किया.

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