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घटना रेल प्रशासन की लापरवाही का नतीजा !
हादसा ट्रेन की रफ्तार कम करने को लोगों ने दिया था आवेदन समस्तीपुर : समस्तीपुर- दरभंगा रेलखंड के रामभद्रपुर मोइन के पास पांच लोगों की ट्रेन से कटने की घटना रेलवे प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है. लोगों का कहना है कि अगर रेलवे के अधिकारी चौकस होते तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. स्थानीय […]
हादसा ट्रेन की रफ्तार कम करने को लोगों ने दिया था आवेदन
समस्तीपुर : समस्तीपुर- दरभंगा रेलखंड के रामभद्रपुर मोइन के पास पांच लोगों की ट्रेन से कटने की घटना रेलवे प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है. लोगों का कहना है कि अगर रेलवे के अधिकारी चौकस होते तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. स्थानीय लोगों ने बताया कि रेलवे गुमटी नंबर आठ के पास स्थित इस मोइन पर वर्षों से रामभद्रपुर के अलावा रतवारा आदि गांव के लोग छठ पर्व मनाते आ रहे हैं.
स्थानीय मुखिया का कहना है कि दो दिन पूर्व ही रामभद्रपुर स्टेशन के स्टेशन मास्टर को ग्रामीणों ने एक आवेदन देकर छठ पूजा के दौरान ट्रेनों की स्पीड कम कराने का अनुरोध किया था. लोगों ने बताया कि उसी समय एएसएम ने मंडल के नियंत्रण कक्ष को इस स्थल के पास दस किलोमीटर की स्पीड में व लगातार सीटी बजाते हुए पार करने का ट्रेन चालकों को निर्देश देने का मैसेज दिया था.
मंडल की ओर से छठ घाटों के पास धीमी गति से ट्रेन चलाने का जारी हुआ था निर्देश : रेलवे सूत्रों ने बताया कि छठ पूजा को देखते हुए पूरे मंडल के ट्रेन चालकों को यह निर्देश दिया गया था कि छठ घाट व जहां से छठ वर्ती रेलवे लाइन पार करते दिखें तो गाड़ी की स्पीड धीमी कर दें . इसके अलावा लगातार सीटी बजाते हुए भीड़ भाड़ वाले इलाकों से गुजरें, ताकि पर्व के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं घटे.
चालक ने निर्देशों का नहीं किया पालन : लोगों का कहना है रेलवे के निर्देश के बावजूद स्वतंत्रता सेनानी के चालक व गार्ड ने निर्देश का पालन नहीं किया. लोगों का आरोप है कि ट्रेन उक्त घाट के पास पूरी स्पीड से गुजरी है. इस खंड पर ट्रेनों की स्पीड सौ किलोमीटर प्रति घंटे की है. स्वतंत्रता सेनानी का समस्तीपुर से खुलने के बाद लहेरियासराय में ठहराव है. इससे इस बात को बल मिलता है कि ट्रेन सौ की स्पीड से जा रही थी.
घटना के समय बॉकी टॉकी से नहीं जारी किया गया धीमी ट्रेन चलाने का निर्देश : स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिस समय स्वतंत्रता सेनानी समस्तीपुर से खुली थी. उक्त ट्रेन को थ्रू पास लहेरियासराय स्टेशन तक दिया गया था. अगर, उसे समय भी स्टेशन मास्टरों के पास उपलब्ध बॉकी-टॉकी से चालक को धीमी गति से ट्रेन परिचालन का निर्देश दिया जाता तो शायद इस हादसा से बचा जा सकता था.
मामले की करायी जायेगी जांच : डीआरएम : डीआरएम सुधांशु शर्मा ने कहा है कि इस मामले की पूरी जांच करायी जायेगी. मामले में ट्रेन के चालक अथवा कोई दूसरा रेल पदाधिकारी दोषी पाया गया, तो उस पर कार्रवाई होगी.
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