समस्तीपुरः सदर अस्पताल को जिला अस्पताल की सुविधा मिले कई वर्ष बीत गये. लेकिन सुविधा अनुमंडल अस्पताल जैसा भी नहीं है. कागज पर स्वास्थ्य व्यवस्था के बड़े बड़े दावे किये जाते हैं. लेकिन अस्पताल की सच्चई ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. दवा तो दवा, जिंदगी बचाने वाला ऑक्सीजन सिलेंडर भी कई सप्ताह से इमरजेंसी से गायब है.
वहीं इमरजेंसी में कई प्रकार प्रमुख दवाएं नदारद है. जबकि प्रतिदिन यहां गंभीर मरीजों का आना जाना लगा रहता है. डीएम नवीन चंद्र झा के द्वारा कई बार अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया. उपलब्ध स्वास्थ्य सेवा देने का सख्त निर्देश दिया गया. लेकिन यह आदेश केवल कहने व कागज तक ही सिमट कर रह गया है. नतीजतन स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गयी है. इसके कारण इमरजेंसी में हंगामा होना आम बात होती जा रही है.