समस्तीपुर : शहर में साफ सफाई की व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है. शहर की नालियां हो या सड़क सभी की हाल एक जैसी है. सड़कों पर कचड़ों का अंबार लगा है. वहीं नालियां गंदगी से उफनाई रहती है. कभी साजो समान का अभाव तो कभी कर्मियों की बेरुखी शहर को साफ व स्वच्छ बनाने […]
समस्तीपुर : शहर में साफ सफाई की व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है. शहर की नालियां हो या सड़क सभी की हाल एक जैसी है. सड़कों पर कचड़ों का अंबार लगा है. वहीं नालियां गंदगी से उफनाई रहती है. कभी साजो समान का अभाव तो कभी कर्मियों की बेरुखी शहर को साफ व स्वच्छ बनाने का काम अटका है.
नगर परिषद को प्रत्येक छह माह में साफ सफाई के लिये 78 लाख की राशि मिलती है. वहीं शहर की स्थिति जस की तस है. शहर में सड़कों पर कूड़े का अंबार लगा है. शहर की गुदरी बाजार हो या अन्य चौक चराहे कुड़ों की स्थिति जस की तस है. वहीं काशीपुर का चिकित्सक इलाका सड़कों पर मेडिकल कचरे जस की तस फेंके रहते है. जिसके कारण आने जाने वाले राहगीरों को रोजाना दो चार होना पड़ता है. सड़कों पर बिखरी गंदगी से लोग मूंह फेर लेते है.
नािलयों की गंदगी सड़कों पर
शहर में नालियांे का निर्माण तो कर दिया गया वहीं आज तक इसकी सफाई की माकू ल व्यवस्था नहीं की गयी है. जिसके कारण अधिकतर नालियां लोगों को उबकाई देती है. कई नालियों की गंदगी तो सड़कों पर फैल जाती है. जिसके कारण लोगों को राह से गुजरना मुशकिल हो जाता है. कई घरों से सीधी गंदगी इसमें ही डाली जाती है. सड़कों पर का कूड़ा हवा में बहकर नालियों में भर जाता है. जिसके कारण समस्या और भी गंभीर हो जाती है. वहीं कई जगह नालियां साफ तो कर दी गयी है मगर कचरे सड़कों पर ही बिखरी रहती है. जो कि और भी संकट पैदा कर देती है.