समस्तीपुर : माता-पिता के कर्मों एवं विचारों की जिरॉक्स कॉपी होती हैं संतानें, वेद पुराणों में इससे संबंधित कई उदाहरण अंकित हैं और आप अपने आस-पास भी देख सकते हैं. उक्त बातें खानपुर प्रखंड के खतुआहा गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन प्रवचनकर्ता आचार्य संजय शास्त्री जी महाराज ने कहा.
इन्होंने देश में असहिष्णुता को लेकर मचे बबाल पर कई तरह के उदाहरण देते हुए कहा कि इस देश में कभी असहिष्णुता उत्पन्न ही नहीं हो सकती है. यह विश्व प्रसिद्ध महापुरुष उदयनाचार्य की धरती है जिन्होंने भगवान से पूरे विश्व के कल्याण करवा लिया था. इसको लेकर इन्होंने कई उदाहरण भी पेश किये. बता दें विगत 16 दिसंबर से खतुआहा गांव में भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा श्रवण के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच रही है.
खासकर दिनमनपुर दक्षणी पंचायत पिछले चार दिनों से भक्ति रस में गोता लगा रहा है. प्रतिदिन शाम ढलते ही बड़े-बुजुर्ग, महिला-पुरूष के साथ-साथ युवाओं का हुजूम पंडाल में उमड़ पड़ता है. श्रीमद भागवत कथा में शास्त्री जा का सहयोग उनके सहयोगी विवेकानंद चौधरी, राम विलास चौधरी एवं नित्यानंद चौधरी एवं यजमान प्रेमचंद झा कर रहे हैं.
भागवत कथा के आयोजन में मिथिलेश कुमार झा, देवेंद्र झा, संतोष झा, सेवानिवृत शिक्षक भोला झा, सुरेंद्र झा के अलावे शिक्षक राम सेवक झा, गौड़ी झा, दिलीप कुमार झा, मनोज कुमार झा, प्रदीप कुमार प्रभाकर, मदनवली झा, धनंजय झा, राम बिहारी झा, विकास झा, भोला झा, घनश्याम झा सहित सभी ग्रामीणों की सराहणीय भूमिका है.