पूसा : राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के संचार केंद्र में चल रहे पांच दिनी मधुमक्खी पालन विषय पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ. अध्यक्षता करते हुए आधार विज्ञान एवं मानविकी संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ वीके शाही ने सभी मौजूद प्रशिक्षनार्थियो को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण में प्राप्त किये हुए ज्ञान को जमीनी स्तर पर प्रायोगिक ढंग से उतार लेना ही प्राथमिकता है. मधुमक्खी पालन का हुनर प्राप्त करने के बाद लघु व्यवसाय का नया आयाम मिलता है.
खासकर भूमिहीन किसानों के लिये मधुमक्खी पालन रोजगार इस बदलते परिवेश में स्वरोजगार के दृष्टिकोण से बेहतर विकल्प के रूप में किसान को अपनाना चाहिए. इस व्यवसाय के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा मिलने की भरपूर संभावनाएं रहती है. प्रशिक्षण में बाबा नगरी देवघर के चार प्रखंडों से आये सभी प्रतिभागी को कार्यक्र म के अंत में प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.
संचालन करते हुए प्रसार शिक्षा के उपनिदेशक प्रशिक्षण डा. अरु णिमा कुमारी ने कहा कि प्रशिक्षनार्थियो को सैद्धांतिक व प्रायोगिक दोनों ही तरीके से मधुमक्खी पालन करने को लेकर नवीनतम तकनीक से लैस कर दिया गया है. प्रशिक्षण की कड़ी में मधुमक्खी विभाग में प्रतिभागियों को ले जाकर रानी मक्खी की पहचान कराया गया है. वहीं मधु निकालने की तकनीक से भी अवगत कराया गया है. मौके पर प्रसार शिक्षा के प्रशिक्षण व मधुमक्खी विभाग से जुड़े वैज्ञानिक मौजूद थे.