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डीपीआर बनाने की कवायद शुरू
गंगा एक्शन प्लान : लाखों लोगों को उपलब्ध होगा स्वच्छ पेयजल समस्तीपुर : जिले के आर्सेनिक से प्रभावित इलाकों मे साफ व स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिये गंगा नदी का सहारा लिया जायेगा. इन इलाकों में पानी की सप्लाई के लिये गंगा नदी से पानी लाकर उसे स्वच्छ बनाया जायेगा. 137 करोड़ की लागत से […]
गंगा एक्शन प्लान : लाखों लोगों को उपलब्ध होगा स्वच्छ पेयजल
समस्तीपुर : जिले के आर्सेनिक से प्रभावित इलाकों मे साफ व स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिये गंगा नदी का सहारा लिया जायेगा. इन इलाकों में पानी की सप्लाई के लिये गंगा नदी से पानी लाकर उसे स्वच्छ बनाया जायेगा. 137 करोड़ की लागत से बनने वाले इस योजना के लिये मोहनपुर के धरनीपट्टी का चयन किया गया है.
सड़क से उत्तरी इलाके का चयन किया गया है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने स्थल चयन को मंजूरी दे दी है. साथ ही इसके लिये डीपीआर बनने का कार्य शुरु कर दिया गया है. सिगमा नामक कंपनी को इसके लिये डीपीआर बनाने की जिम्मेवारी दी गयी है.
पेयजल आपूर्ति की इस योजना की लागत 137 करोड़ है.
गंगा एक्शन प्लान के तहत इस योजना को मूर्त रुप दिया जायेगा. इसके तहत पास से बहने वाली गंगा नदी से पानी लेकर उसे स्वच्छ बनाया जायेगा. इसके लिये ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जायेगा. यह ट्रीटमेंट प्लांट सीधे गंगा नदी से जुड़ा रहेगा. यह एक उन्नत व आधुनिक संसाधनों से युक्त ट्रीटमेंट प्लांट होगा. जिससे नदी की पानी को शुद्ध बनाकर इसे पीने योग्य बनाया जायेगा.
पानी की उचित आपूर्ति के लिये इसके लिये पर्याप्त व्यवस्था की जायेगी. साफ पेयजल को जमा करने के लिये वाटर टैंक बनाया जायेगा. साथ ही स्टोरेज टैंक की भी व्यवस्था होगी. जिससे पानी की आपूर्ति में किसी तरह की अवरोध नहीं हो. लगातार व निर्बाध रुप से पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी. संपूर्ण क्षेत्र में 27 जलमीनार बनाये जायेंगे. जिससे दूर दराज इलाकों में भी पेयजल पहुंच सकेगी. इसके लिये जलमीनार को पाइप के सहारे गांवों से जोड़ा जायेगा. व्यापक संचरण व्यवस्था के तहत जलमीनार से लेकर घरों तक पाइपलाइन बिछायी जायेगी.
भूमि के पेच में फंसी रही योजना
बड़ी लागत की योजना होने के बाद भी यह योजना जमीन की समस्या जमीन की पेच में अटकी पड़ी रही. स्थल चयन में विभाग को काफी क ठिनाइयां आयी. इस योजना के लिये 10 एकड़ भूमि की आवश्यकता थी. जिसे खोजते खोजते एक वर्ष से अधिक का समय लग गया. आखिरकार अब जाकर जमीन पर विभाग को एनओसी मिली.
आर्सेनिक प्रभावित इलाकों में होगा वरदान
इस योजना के दायरे में जिले के तीन प्रखंड शामिल होंगे. इसमें मोहनपुर, मोहउद्दीनगर व पटोरी शामिल होंगे. साथ ही इसमें 67 बसावट गांव को पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी. प्रखंडों के यह इलाके वर्षों से आर्सेनिक की मार ङोल रहे हैं. जिससे क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल मिलना दूभर है.
जिस गंगा नदी में पायी जानेवाली आर्सेनिक पाइराइट पत्थर यहां जल को जहर बनाने का काम कर रही थी. वहीं नदी अब इलाके के लिये जीवनदायिनी साबित होगी. अभी अधिकतर लोग पेयजल के लिये निजी चापाकलों पर ही निर्भर रहते हैं.
कहते हैं अधिकारी
‘मोहनपुर के धरनीपट्टी में इस योजना के लिये स्थल चयन कर लिया गया है. इसके साथ ही डीपीआर बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है. इसके साथ ही लोगों को जल्द ही पेयजल की समस्या दूर हो सकेगी.
केएल बैठा, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी, समस्तीपुर
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