उजियारपुर. थाना क्षेत्र के 22 पंचायतों को सुरक्षा प्रदान करने वाला उजियारपुर थाना करीब 60 वर्षों से अपने ही समस्याओं से जूझने पर मजबूर है. सबसे ज्यादा पेयजल एवं आवास की समस्या है. जर्जर मकान में चल रहे थाने की दीवार कब गिर जाये कहना मुश्किल है. खासकर बरसात के मौसम में पुलिस बलों को काफी कहना मुश्किल है. जब पानी की बूंदों से उन्हें रुबरु होना पड़ता है. पेयजल की समस्या और भी गंभीर बनी हुई है. पानी के लिए पुलिस कर्मियों को भटकते देखा जा सकता है. जनप्रतिनिधियों का भी प्रत्येक दिन यहां आना जाना होता है. बावजूद इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझते हैं. इन समस्याओं की गंभीरता को थानाध्यक्ष असगर इमाम भी स्वीकार करते हैं. उनका कहना है कि पेयजल व आवास की समस्या से वे खुद भी जूझ रहे हैं. थाना परिसर में एक चापाकल गाड़ा गया है. इसका पानी पीने लायक नहीं है. बदबूदार पानी से पुलिस कर्मियों को पीना नियति बन चुकी है. बताते चलें कि उजियारपुर बाजार में थाने के रहने से स्थानीय व्यवसायियों को सुरक्षा मिलती है. साथ ही बैंक व रेलवे स्टेशन आनेजाने वाले लोग भी भयमुक्त रहते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों से भाड़े के मकान में चल रहे थाना को अपना मकान कब मयस्सर होगी. आम जनता को सुरक्षा प्रदान करने वाले पुलिस कर्मी जब खुद सुरक्षित रहेंगे.
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खुद समस्याओं से जूझ रहा उजियारपुर थाना
उजियारपुर. थाना क्षेत्र के 22 पंचायतों को सुरक्षा प्रदान करने वाला उजियारपुर थाना करीब 60 वर्षों से अपने ही समस्याओं से जूझने पर मजबूर है. सबसे ज्यादा पेयजल एवं आवास की समस्या है. जर्जर मकान में चल रहे थाने की दीवार कब गिर जाये कहना मुश्किल है. खासकर बरसात के मौसम में पुलिस बलों को […]
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