समस्तीपुरः यह समस्तीपुर जंकशन का मुख्य प्रवेश द्वार है. रेल मंडल के आदर्श स्टेशनों में इसका भी नाम पहले सूची में शामिल है. लेकिन सकुशल यात्रा करने से पूर्व ही यात्रियों की परेशानी प्रवेश द्वार पर पहुंचने के साथ ही शुरू हो जाता है. अगर परेशानी का थोड़ा भी विरोध हुआ तो यात्रियों के साथ नोंक झोंक होना तय है. भला हो भी क्यों न.
मंडल मुख्यालय होने के बाद भी जंकशन के प्रवेश द्वार पर अतिक्रमणकारियों का अस्थायी कब्जा हमेशा रहता है. देखने से यह प्रतित होता है कि यह प्रवेश द्वार नहीं बल्कि कोई फल मंडी का बाजार है. प्रवेश द्वार के समक्ष टोकरी में आम व अन्य फलों की दुकान सज जाती है.
इसके कारण खरीदारों की भीड़ लगना स्वाभाविक है. इसी बीच होकर यात्रियों को भी अपने सामानों के साथ स्टेशन पहुंचने की जल्दीबाजी होती है. अगर इस दौरान यात्रियों का सामान अगर फलों की टोकरी से सट जाए तो उक्त यात्री की खैर नहीं. दुकानदार द्वारा खूब खरीखोटी सुनाई जाती है.स्टेशन के प्रवेश द्वार के ठीक सामने मुख्य सड़क पर कचरों का ढेर रहता है और उसके सामने दर्जन भर रिक्शों की कतार लगी रहती है. स्टेशन से निकलने वाले यात्रियों को वहीं चढ़ाया जाता है. नतीजतन गेट पर भीड़ लगना स्वाभाविक है.
इसी दौरान पॉकेटमार भी अपना काम कर लेते हैं. सोचनीय पहलू यह है कि यहां आरपीएफ व जीआरपी के जवान भी घूमते रहते हैं. हर घंटे नगर पुलिस की गश्ती दल भी स्टेशन चौक पहुंचते हैं.बावजूद प्रवेश द्वार फल मंडी में तथा मुख्य सड़क रिक्शा स्टैंड में बदला हुआ रहता है.