चावल घोटाला. कई सरकारी अफसरों की भूमिका संदिग्ध
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छह मामलों की नये सिरे से जांच
चावल घोटाला. कई सरकारी अफसरों की भूमिका संदिग्ध समस्तीपुर : सरकार के निर्देश पर चावल घोटाला से संबंधित छह कांडों में जिला पुलिस ने नये सिरे से जांच शुरू कर दी है. इसमें जिले के तत्कालीन कई वरीय पदाधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. दो दिन पूर्व पटना में कांडों से संबंधित समीक्षा […]
समस्तीपुर : सरकार के निर्देश पर चावल घोटाला से संबंधित छह कांडों में जिला पुलिस ने नये सिरे से जांच शुरू कर दी है. इसमें जिले के तत्कालीन कई वरीय पदाधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. दो दिन पूर्व पटना में कांडों से संबंधित समीक्षा बैठक में डीजीपी ने सरकारी पदाधिकारी की भूमिका की जांच के अलावा सौ से अधिक बिंदुओं पर अनुसंधानक को जांच कर कांड दैनिकी में अंकित करने को कहा है.
जिला मुख्यालय की मुफस्सिल पुलिस भी 97/13 चावल घोटाले से संबंधित मामले में पुन: जांच कर रही है. मुफस्सिल पुलिस के अनुसार डीजीपी के निर्देश पर उक्त कांड में जवाबदेह सरकारी पदाधिकारी की भूमिका की जांच शुरू कर दी गयी है. सूत्रों पर भरोसा करें तो धान खरीद से ही गड़बड़ झाला रहा. पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि धान का वजन बढ़ाने के लिए राइस मिल तक भीगा हुआ धान पहुंचाया गया है. लेकिन संबंधित पदाधिकारियों ने उस समय इस पर ध्यान नहीं दिया. इस मामले में कई वरीय पदाधिकारी जांच के घेरे में हैं.
मुफस्सिल पुलिस केवस के राज कुमार राइस मिल पर कर रही जांच :
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुफस्सिल पुलिस ने जिला प्रशासन के आवेदन पर चार वर्ष पूर्व केवस के राज कुमार राइस मिल पर लाखों का धान लेने के बावजूद चावल नहीं देने से संबंधित मामला दर्ज किया था. उस समय जांच में राइस मिल के मालिक पर आरोप पत्र भी दायर किया गया था, जो इन दिनों हाइकोर्ट द्वारा बेल पर है. पुलिस इस कांड में अब प्राथमिकी दर्ज कराने वाले, राइस मिल से धान देने के
बाद चावल की आपूर्ति लेने वाले पदाधिकारियों की भूमिका पर तो जांच चल ही रही है. इसके अलावा पुलिस संबंधित वरीय पदाधिकारियों की भूमिका पर भी जांच कर रही है.
तीन सालों के दौरान हुआ था घोटाला
पुलिस सूत्रों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2010-11, 2011-12 व 2012-13 के दौरान जिले के छह राइस मिलों को धान की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम द्वारा दिया गया था. इसके बदले राइस मिलों को एसएफसी को चावल की आपूर्ति देनी थी. लेकिन उक्त राइस मिलों द्वारा धान के अनुपात में चावल की आपूर्ति नहीं की गयी. उस समय एसएफसी द्वारा राइस मिलों के खिलाफ नीलाम पत्र भी दायर किया गया था. सूत्रों ने बताया कि उसके बाद तीन राइस मिलों द्वारा राशि जमा कर दी गयी, लेकिन अन्य तीन राइस मिलों ने राशि जमा नहीं की. चर्चा है कि दो अन्य राइस मिलों का पता नहीं मिल रहा.
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