डीबी रोड . सड़क पर सजती हैं दुकानें, डिवाइडर के कारण बढ़ी दुर्घटनाएं
Advertisement
अतिक्रमण से सिकुड़ रही सड़क
डीबी रोड . सड़क पर सजती हैं दुकानें, डिवाइडर के कारण बढ़ी दुर्घटनाएं अतिक्रमण के कारण डीबी रोड की सड़कें संकरी हो गयी है. उस पर बनाये गये डिवाइडर के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है. वाहनों के आवागमन में परेशानी होती है. सड़क संकरी हो जाने के कारण यहां बार-बार दुर्घटनाएं होती रहती […]
अतिक्रमण के कारण डीबी रोड की सड़कें संकरी हो गयी है. उस पर बनाये गये डिवाइडर के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है. वाहनों के आवागमन में परेशानी होती है. सड़क संकरी हो जाने के कारण यहां बार-बार दुर्घटनाएं होती रहती हैं. बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं.
सहरसा : शहर में रहने वाले लोगों को एक मोहल्ला से दूसरे मोहल्ला या बाजार जाने के लिए नियत समय से लगभग आधा से एक घंटा पहले निकलने को मजबूर हो रहे हैं
सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को स्कूल जाने व दोपहर में आने के समय होती है. स्कूली बस मुख्य बाजार होकर ही आती-जाती है. अतिक्रमण की वजह से एक बस के घुसने के बाद जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला मुख्यालय में लोहे के पोल से सड़क को दो भागों में बांट कर वन वे करने का प्रशासनिक फैसला खतरनाक साबित हो रहा है. समय रहते यदि यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने का कोई ठोस उपाय नहीं किया गया तो कब कौन सी अनहोनी हो जाय, कहना कठिन है.
डिवाइडर से परेशानी
सदर थाना में कुछ माह पूर्व सदर एसडीओ, सदर एसडीपीओ व थानाध्यक्ष की मौजूदगी में आयोजित शहर के बुद्विजीवियों की बैठक में सर्वसम्मति से अतिक्रमण से मुक्ति पाने के लिए मुख्य बाजार में डिवाइडर लगाने व दुकान के आगे अतिक्रमित जगहों को खाली कराने का निर्णय लिया गया था. जिसके बाद आनन-फानन में थाना चौक से डीबी रोड होते शंकर चौक तक लोहे के पोल को काट कर सड़क को तो दो भागों में बांट दिया गया. लेकिन अतिक्रमण को हटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया.
जिसके कारण सड़क प्रतिदिन संकरी होती जा रही है. जबकि वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है. वाहनों की संख्या के सामने सड़क छोटी पड़ती जा रही है. समय रहते यदि प्रशासन द्वारा ठोस पहल नहीं की गयी तो सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आयेंगे.
दिखावा साबित हो रही है यातायात व्यवस्था
शहर में यातायात व्यवस्था को सुढृढ़ करने के लिए यातायात विंग की स्थापना की गयी थी. संरचना, अधिकारी व जवानों की कमी के कारण यह विंग दिखावा साबित हो रहा है. वाहन चालक हो या इ रिक्शा चालक यातायात पुलिस का कोई भय नहीं है. जहां मन हुआ वाहन खड़ा कर सवारी बैठाना इनलोगों की नियति बनती जा रही है. शहर के मुख्य चौक में शुमार शंकर चौक व थाना चौक की स्थिति तो काफी भयावह है. हमेशा यातायात पुलिस की मौजूदगी में इ रिक्शा रहता है.
जिससे हमेशा जाम का लोगों को सामना करना पड़ता है. यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला मुख्यालय में यातायात थाना की स्थापना प्रस्तावित है. प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण सुबह से शाम तक सड़कों पर वाहनों एवं लोगों की भीड़ लगी रहती है. अभी कुछ चौक-चौराहों पर डीएपी व होमगार्ड जवानों से यातायात नियंत्रित किया जाता है. जो नाकाफी साबित हो रहे हैं. यदि शहर में यातायात थाना की स्थापना हो जाती है तो लोगों को काफी सुविधा होगी.
राज्य मुख्यालय ने सहरसा को यातायात के मद्देनजर बी ग्रेड में रखकर पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज कुछ ऐसे ही प्रस्ताव की मांग की थी. प्रस्ताव के बाद थाना के स्थापना के लिए कोई सुगबुगाहट नहीं है. शहर की आबादी डेढ़ लाख है. प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण सहरसा, सुपौल व मधेपुरा के लोगों का आना-जाना लगा रहता है. वहीं बड़ी रेल लाइन के सहरसा तक ही होने, सड़क की चौड़ाई कम होने, शहर के बीचों बीच रेलवे लाइन होने के कारण शहर दो भागों में बंटा रहने व पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण हमेशा जिला मुख्यालय में
यातायात का दबाब बना रहता है. खासकर सहरसा थरबिटिया के बीच जारी अमान परिवर्तन कार्य पूरा होने के बाद व प्लेटफार्म बनने के बाद ट्रेनों की संख्या में यदि इजाफा हुआ तो स्थिति विकट हो सकती है. जिसके कारण यातायात थाना आवश्यक है.
पदस्थापना को लेकर भेजा गया प्रस्ताव
छह माह बाद भी थाना स्थापना को लेकर कोई सुगबुगाहट शुरू नहीं हुई है
कई जगहों पर पुलिस बलों की तैनाती की जरूरत
यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए वर्तमान में शहर के तिवारी चौक, प्रशांत सिनेमा मोड़, गंगजला चौक, बंगाली बाजार, शंकर चौक, थाना चौक, दहलान चौक पर वर्तमान में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है. इसके अलावे कोसी चौक, तिरंगा चौक, पंचवटी चौक, कचहरी ढ़ाला, वीर कुंवर सिंह चौक, रिफ्यूजी चौक पर जरूरत है. यातायात थाना में पुलिस पदाधिकारी सहित जवानों की तैनाती होगी. जानकारी के अनुसार थाना में एक पुलिस निरीक्षक, एक अवर निरीक्षक,
दस हवलदार, 40 सिपाही व आठ चालक सिपाही को पदस्थापित किया जाना था. लेकिन छह माह से अधिक प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद थाना स्थापना को लेकर कोई सुगबुगाहट शुरू नहीं हुई है. इससे जहां स्थानीय थाना पर भी भार कम होगा. वहीं यातायात व्यवस्था भी सुढृढ़ होगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement