खुलासा. जीआरपी के संरक्षण में बनारस से आकर सहरसा में करता था चोरी
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तीन चोरों को किया गिरफ्तार
खुलासा. जीआरपी के संरक्षण में बनारस से आकर सहरसा में करता था चोरी सहरसा के लोग चोरों से आजिज हो गये हैं. रोज चोरी की घटना होती है. इस बीच पुलिस ने चोरी व छपटमार गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है. उनके पास से दर्जनों मोबाइल बरामद किये गये हैं. […]
सहरसा के लोग चोरों से आजिज हो गये हैं. रोज चोरी की घटना होती है. इस बीच पुलिस ने चोरी व छपटमार गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है. उनके पास से दर्जनों मोबाइल बरामद किये गये हैं. वहीं इस पूरे प्रकरण में जीआरपी जवान के संरक्षण की बात भी सामने आयी है.
सहरसा : सदर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर शहर में मोबाइल दुकान में चोरी व झपटमार कर मोबाइल चोरी करने के आरोप में सरगना बनारस निवासी शंकर पंडित सहित तीन अन्य को 34 मोबाइल, 17 चार्जर, 19 इयरफोन व एक पावर बैंक के साथ गिरफ्तार कर लिया. सदर थाना में शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते मुख्यालय डीएसपी गणपति ठाकुर ने बताया कि दो दिन पूर्व हमीद चौक स्थित एक मोबाइल दुकान में दर्जनों मोबाइल की चोरी हुई थी.
जिसके बाद दुकानदार के आवेदन पर मामला दर्ज किया गया था. अनुसंधान के दौरान पता चला कि सराही में भाड़े के मकान में रहने वाला शंकर पंडित किसी से मोबाइल बेचने की बात कर रहा है. जिसके बाद सदर थानाध्यक्ष पुनि भाई भरत के नेतृत्व में टीम का गठन कर छापेमारी कर शंकर पंडित को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी तो पटुआहा निवासी राहुल सदा, सिटानाबाद निवासी मो हारुण को हिरासत में लेकर तीनों के घरों की तलाशी ली गयी, जहां से 34 मोबाइल, 17 चार्जर, 19 इयरफोन व एक पावर बैंक बरामद हुआ. टीम में थानाध्यक्ष के अलावे टैक्निकल सेल प्रभारी पुअनि मंगलेश मधुकर, पुअनि नीतेश कुमार, सअनि सुशील सिंह सहित अन्य शामिल थे.
शंकर का जीआरपी से है पुराना रिश्ता
डीएसपी के पूछताछ में पकड़ाये चोर बनारस निवासी शंकर ने बताया कि वह चार-पांच साल की उम्र में घर से भाग गया था. ट्रेन से वह खगड़िया स्टेशन पहुंचा, जहां जीआरपी थाना पर रहकर पदाधिकारी व जवानों की सेवा करता था. जिसके बदले में उसे खाना-पीना व खर्चा मिलता था. जब उम्र 12 साल हुई तो जिंदगी को बढ़ाने के लिए कुछ ऑटो वाला से संपर्क कर उसी रूट में खलासी का काम करने लगा. इसी दौरान बलिया की एक युवती से प्रेम हुआ और दोनों ने न्यायालय में शादी रचा ली. पुत्र होने पर व आर्थिक तंगी के बाद सहरसा आकर सराही में कमरा भाड़ा पर लेकर कबाड़ी का काम करने लगा. इसी दौरान कुछ चोरों से संपर्क हुआ और चोरी का मोबाइल व अन्य सामान की खरीद बिक्री शुरू कर दी.
पूर्व में जा चुका है जेल
पुलिस की गिरफ्त में आये सिटानाबाद निवासी मो हारूण व पटुआहा निवासी राहुल सदा पूर्व में भी छिनतई के मामले में जेल जा चुका है. पूछताछ में इनलोगों ने बताया कि गिरोह में कई लोग शामिल हैं. जो शहर के विभिन्न जगहों पर रहकर चोरी की घटना को अंजाम देता है. इस बाबत सदर थानाध्यक्ष भाई भरत ने बताया कि गिरफ्तार चोर के द्वारा कई अन्य चोरों का नाम बताया गया है. जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. प्रेसवार्ता में डीएसपी, थानाध्यक्ष के अलावा पुअनि नीतेश कुमार आदि मौजूद थे.
जीआरपी जवान लेता था पैसा
मोबाइल चोर की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के लिए सदर थाना पहुंचे जीआरपी थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने जब मुख्यालय डीएसपी के सामने पूछताछ शुरू की तो सनसनीखेज मामला सामने आया. पूछताछ में चोर ने बताया कि उनलोगों से सहरसा जीआरपी थाना में पदस्थापित जवान कुंदन सिंह चोरी करने के बाद पैसा लेता था. इस बीच में भी एक हजार रुपये बैरक स्थित मंदिर के पास लिया था. पैसा देने में आनाकानी करने पर मारपीट भी किया था. इस बाबत जीआरपी थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि जिस जवान पर आरोप लगाया गया है. वह पूर्व में सहरसा रेल थाना में पदस्थापित था. कुछ माह पूर्व सोनपुर मेला में ड्यूटी कर वापस आने के दौरान ट्रेन में शराब लेकर आने के आरोप में जेल जा चुका था. संभवत: कुछ दिन पूर्व ही जेल से जमानत पर निकला है. वर्तमान में वह निलंबित है. पूछताछ में चोर ने बताया कि सिमरी बख्तियारपुर व सहरसा का दो रिक्शा चालक जवान के बदले में पैसा वसूलने व चोरों को संरक्षण देने में रहता है.
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