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मृत डॉक्टर को बनाया एसीएमओ
सरकार के संयुक्त सचिव शेखरचन्द्र वर्मा के हस्ताक्षर से 06 जुलाई को जारी की गयी अधिसूचना 381-3 में तीन वर्ष पूर्व लंबी बीमारी से मर चुके डॉक्टर को औरंगाबाद का अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी बनाया गया है. विभागीय अधिकारी भी अधिसूचना से हतप्रभ हैं. सहरसा : जारी अधिसूचना के क्रमांक ग्यारह पर सदर अस्पताल सहरसा […]
सरकार के संयुक्त सचिव शेखरचन्द्र वर्मा के हस्ताक्षर से 06 जुलाई को जारी की गयी अधिसूचना 381-3 में तीन वर्ष पूर्व लंबी बीमारी से मर चुके डॉक्टर को औरंगाबाद का अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी बनाया गया है. विभागीय अधिकारी भी अधिसूचना से हतप्रभ हैं.
सहरसा : जारी अधिसूचना के क्रमांक ग्यारह पर सदर अस्पताल सहरसा में चिकित्सा पदाधिकारी के वरीयता 3575 के रूप में डॉ रमेशचन्द्र मिश्रा नाम के डॉक्टर को औरंगाबाद का एसीएमओ बनाया गया है, जबकि जानकारी के अनुसार सहरसा में डॉ मिश्रा नाम का कोई डॉक्टर नहीं है. डॉ रमेशचन्द्र झा का नाम के एक डॉक्टर जो सदर अस्पताल में चिकित्सक थे, उनका निधन वर्ष 2013 में लंबी बीमारी के बाद हो गया है. जानकारी के अनुसार संभवत अधिसूचना में अंकित वरीयता क्रम भी उन्हीं का है. स्व डॉ झा सदर अस्पताल में चिकित्सक, उपाधीक्षक व जिला कुष्ठ नियंत्रण प्रभारी के रूप में थे. उसी दौरान उन्हें बीमारी ने जकड़ लिया था. जिसके बाद उन्हें कुष्ठ विभाग भेजा गया था.
लापरवाही को दरसाती है अधिसूचना
स्थानीय स्तर पर मिली जानकारी पर गौर करें तो सरकार द्वारा जारी अधिसूचना विभाग की लापरवाही को दर्शाने के लिए काफी है. मामला प्रकाश में आने के बाद लोगों ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य का देखभाल करने वाला विभाग को जब अपने चिकित्सक की पूर्ण जानकारी नहीं है तो वह लाखों जनता की जानकारी व समुचित देखभाल क्या कर पायेगी. जानकारी के अनुसार निधन के बाद मिलने वाला लाभ भी लगभग मिल चुका है या अंतिम प्रक्रिया में है. विभागीय स्तर से भी निधन की सूचना राज्य स्तर पर दी जा चुकी है. हालांकि क्या सही है और क्या गलत है, यह तो विभागीय जांच से ही स्पष्ट हो पायेगा.
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