सुस्त है नगर परिषद. मॉनसून आने के बाद नागरिकों की बढ़ेगी परेशानी
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नहीं सुधर रही नाले और सड़कों की दशा
सुस्त है नगर परिषद. मॉनसून आने के बाद नागरिकों की बढ़ेगी परेशानी बिहार में मॉनसून प्रवेश करने की तिथि बिल्कुल करीब आ गई है. लेकिन शहरी क्षेत्र की सड़कों व नालों की दशा नहीं सुधारी जा सकी है. मॉनसून प्रवेश की संभावित तिथि सोमवार 12 जून से है. निश्चित रूप से एक-दो दिनों के अंदर […]
बिहार में मॉनसून प्रवेश करने की तिथि बिल्कुल करीब आ गई है. लेकिन शहरी क्षेत्र की सड़कों व नालों की दशा नहीं सुधारी जा सकी है. मॉनसून प्रवेश की संभावित तिथि सोमवार 12 जून से है. निश्चित रूप से एक-दो दिनों के अंदर से ही जिले में भी इसका असर दिखने लगेगा. नागरिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेवार नगर परिषद चुप होकर सिर्फ बयान पर बयान जारी कर रहा है.
सहरसा मुख्यालय :बारिश होने के बाद शहर की स्थिति बद से बदत्तर हो जाएगी. मुहल्ले की जर्जर सड़कों पर पानी जमा होगा. गुजरने वाले लोग दुर्घटनाग्रस्त होंगे. इधर नालों का पानी भी सड़कों पर बहेगा. साथ ही घर के नालों से अंदर प्रवेश कर संक्रमण फैलाएगा. शीघ्र ही त्राहिमाम की ऐसी स्थिति आने वाली है. लेकिन नागरिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेवार नगर परिषद चैन की बंशी बजा रहा है और सिर्फ बयान पर बयान जारी कर रहा है.
वार्ड नंबर 22 : नाले में बसा है मुहल्ला
वैसे तो शहर के सभी नालों की दशा चिंताजनक है. सभी नाले गाद से भरे हैं. उफान मारते हैं. ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहता रहता है. घरों के निकासी नाले से होकर वापस घरों में जाता रहता है. शहर के गांधी पथ, कलाली रोड, मीर टोला, बनगांव रोड, मारुफगंज, बटराहा के नालों की स्थिति सालो भर एक जैसी रहती है. इनमें से भी गांधी पथ, कलाली रोड व बटराहा मुहल्ले में नाले का गंदा पानी सिर्फ सड़कों पर ही बह रहा है.
नालों की सफाई नहीं किए जाने से बटराहा के आवासीय मुहल्ले में नालों के फैल रहे पानी से होकर गुजरने की स्थिति बनी रहती है. यहां लगभग हर घर में नाले का पानी घुस रहा है. मुहल्ले के संदीप कुमार, रौशन कुमार, बिनोद कुमार, रवि, रितेश सहित दर्जनों अन्य ने कहा कि जलबहाव क्षेत्र नजदीक ही है. यदि नालों की सही ढ़ंग से सफाई करा दी जाए तो नालों में पानी नहीं दिखेगा. लेकिन नगर परिषद को साफ कराने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
बीते महीने तीन मई को हुई बेमौसम बारिश से शहर के रहमान चौक पर लगभग दो फीट तक पानी लग गया था. बीस दिनों के बाद भी पानी के नहीं हटने और लोगों के उसमें गिर कर दुर्घटनाग्रस्त होते रहे. बार-बार खबर प्रकाशित किए जाने के बाद वार्ड पार्षद की तंद्रा भंग हुई और उस गड्ढे में दो ट्रेलर ईंट के टूकड़े गिरवा दिए. उन्होंने कहा था कि ईंट गिराने के बाद इस पर रोलर चला राबिश (ईंट भट्ठी का डस्ट) गिराया जाएगा. लेकिन अगले पांच दिनों तक उसे वैसा ही छोड़ दिया गया
. ऐसा करने से सड़क और भी खतरनाक हो गई. पैदल तो दूर, बाइक सहित तीन, चार व छह चक्के वाले वाहन ही सड़क की दशा देख लौटने लगे. प्रयास करने वाला हर शख्स उसमें गिर कर चोटिल होता रहा. स्थिति सुधारने की बजाय बिगाड़ने संबंधित खबर प्रकाशित करने पर पार्षद ने लगभग 80 फीट की टूट में बमुश्किल एक ट्रेलर राबिश गिरा छोड़ दिया. दस दिनों के बाद आज तक सड़क उसी स्थिति में है. लोग बचते-बचाते, संभलते-संभालते किनारे से निकलते हैं.
नगर परिषद प्रशासन को गाली देते हैं. इस संबंध में पूछने पर नप के अधिकारी भी बस इतना ही कहते हैं कि हां, गिराए गए ईंट के टूकड़े पर रोलर चला जाएगा व उस पर मिट्टी गिरा समतल कराया जाएगा.
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