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अब डीएम ने दिया सुधार का आश्वासन

समस्याओं के निदान के लिये कइ विभागों को दिया निर्देश विधायक के निर्देश के बावजूद प्रबंधन द्वारा नहीं लौटायी गयी है सुविधा शुल्क के नाम पर वसूली गयी राशि एएनएम स्कूल की कुव्यवस्था कई दिनों तक अखबारों के सुर्खिया बनने के बाद रविवार को जिलापदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल एएनएम स्कूल पहुंच मामलें की जानकारी ली. […]

समस्याओं के निदान के लिये कइ विभागों को दिया निर्देश

विधायक के निर्देश के बावजूद प्रबंधन द्वारा नहीं लौटायी गयी है सुविधा शुल्क के नाम पर वसूली गयी राशि
एएनएम स्कूल की कुव्यवस्था कई दिनों तक अखबारों के सुर्खिया बनने के बाद रविवार को जिलापदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल एएनएम स्कूल पहुंच मामलें की जानकारी ली.
सहरसा सिटी : जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह से कुव्यवस्था की जानकारी लेकर भवन निर्माण विभाग, पीएचइडी, पीडब्लूडी सहित अन्य विभागों को स्कूल में व्याप्त समस्याओं का निदान करने का निर्देश दिया. डीएम के स्कूल पहुंचने से छात्राओं को समस्या के निदान होने की उम्मीद जगने लगी. डीएम ने सीएस से भवन, बिजली, पानी, ड्रेनेज, खानपान सहित अन्य जानकारी लेकर अविलंब निदान करवाने का दिशा- निर्देश दिया. डीएम ने सीएस को गैस एजेंसी से सम्पर्क कर सिलिंडर व चूल्हा का कनेक्शन अविलंब लेने को कहा.
सीएस ने एजेंसी से संपर्क कर कनेक्शन की जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान एनडीसी अनिल पांडेय, सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद थे. ज्ञात हो कि इसके पूर्व स्थानीय विधायक अरुण यादव ने भी स्कूल पहुंच छात्राओं को व्यवस्था में शीघ्र सुधार लाने का आश्वासन दिया था.
नहीं चली विधायक की
26 अप्रैल को स्थानीय विधायक अरुण कुमार स्कूल पहुंच छात्राओं से मामलें की जानकारी लेकर समस्याओं के निदान का आश्वासन दिया था. विधायक के निर्देश पर नप द्वारा जहां वैकल्पिक रूप से गड्ढा खोद जलजमाव से मुक्ति दिलायी थी. वही विभागीय स्तर से बिजली व पानी को भी दुरुस्त कराने का कार्य शुरू किया गया. वही विधायक के निर्देश के बावजूद छात्राओं से वसूली गयी सुविधा शुल्क 12 दिन बीत जाने के बाद भी नही लौटाया गया है. मालूम हो कि छात्राओं ने विधायक से नामांकन के समय सुविधा शुल्क के नाम पर प्रत्येक छात्रा से 12 सौ रूपये लेने की शिकायत की थी. विधायक ने सीएस से मामले की जानकारी ली तो सीएस डॉ अशोक कुमार सिंह,
डीआइओ डॉ संजय सिंह ने कहा था कि इस तरह की कोई शुल्क लेने का निर्देश नहीं है. पूर्व में भी प्राचार्या को इस तरह की कोई शुल्क नहीं लेने का निर्देश दिया था. बावजूद छात्राओं से राशि वूसल की गयी, जो गलत है. विधायक ने इसे गैर कानूनी बताते अविलंब सभी 80 छात्राओं को शुल्क वापस करने को कहा था. अन्यथा सिविल सर्जन को प्राचार्या व लिपिक सहित अन्य दोषियों पर एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया था.

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