शराबबंदी सख्ती से करायें लागू
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निर्देश. देसी शराब पर पूर्णत: पाबंदी लगाने के लिए करें सघन छापेमारी
शराबबंदी सख्ती से करायें लागू एक अप्रैल से राज्य में नयी शराब नीति लागू की जायेगी. इसे सहरसा, सुपौल, मधेपुरा में सख्ती से लागू कराने को ले आयुक्त ने तीनों जिले के डीएम, एसपी सहित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की व कई निर्देश दिये. सहरसा सदर : प्रमंडलीय आयुक्त टीएन विन्धेश्वरी ने शनिवार को […]
एक अप्रैल से राज्य में नयी शराब नीति लागू की जायेगी. इसे सहरसा, सुपौल, मधेपुरा में सख्ती से लागू कराने को ले आयुक्त ने तीनों जिले के डीएम, एसपी सहित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की व कई निर्देश दिये.
सहरसा सदर : प्रमंडलीय आयुक्त टीएन विन्धेश्वरी ने शनिवार को तीनों जिले के डीएम, एसपी सहित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें एक अप्रैल से नयी शराब कानून नीति को सख्ती से लागू कराने के लिए सहरसा, सुपौल, मधेपुरा में कहा. आयुक्त ने तीनों जिले के डीएम व एसपी को निर्देश देते कहा कि अवैध शराब की धड़ पकड़ के लिए नियमित रूप से अभियान चलाया जाय और इसकी गिरफ्त में आये दोषियों के विरुद्ध नए कानून के प्रावधान के तहत उन्हें सजा दिलवाने में ढ़िलाई बरदाश्त नहीं की जायेगी. देसी शराब पर पूर्णत: पाबंदी लगाने के लिए सघन छापेमारी अभियान चलायें.
ताकि इस कारोबार में शामिल लोगों को पकड़ा जा सके. आयुक्त ने कहा कि देसी शराब के सेवन करने वाले व बनाने वाले को पकड़ में आते ही नए कानून के प्रावधान जो सजा मुकर्रर् की गयी है, उसमें थोड़ी सी भी ढ़िलाई नहीं बरती जाय. आयुक्त ने नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए आमलोगों से भी शराब मुक्ति के अभियान में प्रशासन को सहयोग देने की अपील की. मालूम हो कि एक अप्रैल से नए शराब नीति कानून के लागू होने के बाद देसी शराब की बिक्री पूर्णत: बंद कर दी जायेगी. वही नगर परिषद क्षेत्र में सभी लाइसेंसी विदेशी शराब की दुकानों भी 31 मार्च की 10 बजे रात्रि के बाद सील कर दिया जायेगा.
नगर परिषद क्षेत्र में बिहार बेवरेज द्वारा संचालित छह चिह्नित जगहों पर 12 विदेशी शराब की दुकान ही अब संचालित की जायेगी. पीने के शौकीन लोग उसी अधिकृत दुकान से शराब की खरीदारी कर पायेंगे. शराब खरीद कर ले जाने वाले लोगों के पास खरीदारी का कंप्यूटरीकृत बिल रहना आवश्यक होगा. यदि बिना बिल के शराब पकड़ा गया तो उन्हें अवैध शराब मान ऐसे लोगों को पकड़ में आने पर सात साल की कैद की सजा भुगतनी पड़ेगी. तीनों जिले के मध्य निषेध विभाग के उत्पाद अधीक्षक को आयुक्त ने एक अप्रैल से नए कानून को अक्षरश: पालन करने का निर्देश दिया है.
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