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मध्यप्रदेश सरकार नहीं दे रही है मुआवजा

मध्यप्रदेश सरकार नहीं दे रही है मुआवजा ढाई साल पूर्व सरकारी गाड़ी ने कुचल दिया था, काट कर हटाना पड़ा था पैरवैशाखी के सहारे कट रही है जिंदगीएमपी में रह कर सायंस एंड टेक्नोलॉजी की करता था पढ़ाईआयुष कुमार/सिमरी नगरअनुमंडल के गोरदह गांव निवासी रितेश कुमार दो सालों से मध्य प्रदेश सरकार से मुआवजे की […]

मध्यप्रदेश सरकार नहीं दे रही है मुआवजा ढाई साल पूर्व सरकारी गाड़ी ने कुचल दिया था, काट कर हटाना पड़ा था पैरवैशाखी के सहारे कट रही है जिंदगीएमपी में रह कर सायंस एंड टेक्नोलॉजी की करता था पढ़ाईआयुष कुमार/सिमरी नगरअनुमंडल के गोरदह गांव निवासी रितेश कुमार दो सालों से मध्य प्रदेश सरकार से मुआवजे की आस में जीवन का एक-एक पल बिता रहा है. दरअसल दो साल पूर्व एमपी में हुए एक सड़क दुर्घटना में रितेश को अपना पैर गंवाना पड़ा था. भारत सरकार की विभागीय सरकारी गाड़ी उसके पैर को रौंदते हुए भाग गयी थी. पैर इस हद तक फ्रैक्चर हो गया था कि इलाज के दौरान डॉक्टर को पैर काट कर हटाना पड़ा था. मामला दर्ज कराने के बाद उसे मुआवजे का आश्वासन तो दिया गया था, लेकिन ढ़ाई वर्ष बीत जाने के बाद आज तक कोई राशि नहीं मिली है. हादसे के बाद विज्ञान व तकनीकी के छात्र रितेश की पढ़ाई तो छूट ही गयी, पढ़-लिख कर अपने पैरों पर खड़ा होने का सपना भी टूट गया. आपबीती बताते फफक पड़ता है रितेशघटना का जिक्र करते सागर इंस्टीयूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, भोपाल का छात्र रहा रितेश बताता है कि छह नवंबर 2013 को वह अन्य दिनों की तरह ही बाइक से अपने मित्र अभिनव के साथ कॉलेज जा रहा था. समय तकरीबन तीन से चार बजे के बीच रहा होगा. उसी समय गलत साइड से आ रहे एक कार ने बाइक में जोरदार टक्कर मारी. कई घंटे के बाद जब होश आया तो रितेश ने खुद को अस्पताल में पाया. जब अस्पताल कर्मियों ने उसे जानकारी दी कि उसका बायां पैर काट कर हटा दिया गया है, तो उसकी आंखों के आगे अंधेरा छा गया. उसे दुनिया लुटी नजर आने लगी. रितेश ने बताया कि जिस कार ने उनकी बाइक को टक्कर मारी थी, वह भारत सरकार के किसी अधिकारी की थी. गाड़ी का नंबर एमपी 04 सीसी 5850 था़. रितेश के मुताबिक कार काफी स्पीड में थी. बाइक से टकराने के बाद उसके पैर को कुचलते हुए भाग गयी, जिसे बाद में बरामद कर लिया गया. प्रदर्शनकारी छात्रों पर मामला दर्जघटना के कुछ दिनों बाद रितेश को भोपाल कोर्ट में बुलाया गया था और उसे मुआवजा देने की बात कही गयी थी. घटना के बाद यह मामला भोपाल मीडिया में काफी चर्चित रहा. रितेश बताते हैं कि घटना के बाद उसके सागर इंस्टीयूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के दोस्तों ने मुआवजे और आरोपित की गिरफ्तारी के लिए प्रदर्शन किया था, लेकिन उच्च पद के अधिकारी की कार होने के कारण प्रशासन गंभीर नहीं हुआ. इधर हक की लड़ाई लड़ रहे इंस्टीयूट के लगभग 150 छात्रों पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया. लंबे समय तक अस्पताल में रहने के बाद वह घर वापस आ गया. रितेश ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार शीघ्र उसे मुआवजे की राशि दे, जिससे वह अपने बचे जीवन को संवार सके. फोटो-रितेश 1- कुचले पैर को काट कर हटाना पड़ाफोटो- रितेश 2- इसी गाड़ी ने कुचला था रितेश का पैर

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