सहरसा शहर : राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन शनिवार को मुख्य अतिथि डीआइजी नागेंद्र प्रसाद सिंह, जिला व सत्र न्यायाधीश आरपी मिश्रा, जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, एसपी विनोद कुमार, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने किया. मुख्य अतिथि डीआइजी श्री सिंह ने कहा कि विवादों से दोनों पक्षों को नुकसान उठाना पड़ता है.
इससे दोनों पक्षों को शारीरिक व मानसिक तनाव होता है. लोक अदालत ऐसे तनाव को आपसी सुलह से समाप्त करती है. जिसमें किसी पक्ष का हार-जीत नहीं होता है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला जज श्री मिश्रा ने कहा कि पूरे भारत में आज एक साथ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए ऐसे आयोजन प्रत्येक माह किये जाते रहे हैं.
आज के समय में पैसा व समय का महत्व है. इसे समझते हुए विवादों को आपसी सुलह से समाप्त करें. इससे पैसा व समय की बचत हो सके. डीएम श्री गुंजियाल ने कहा कि लोक अदालत में सामान्य पारिवारिक विवाद से लेकर सभी तरह के सुलह योग्य विवादों का निपटारा सूझबूझ के साथ समाप्त करें. इस अदालत में किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है.
प्री-लेटिगेशन विवाद का भी निपटारा लोक अदालत में किया जाता है. अधिवक्ता संघ अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि भारत के विभिन्न अदालतों में नौ करोड़ से अधिक विवाद लंबित हैं. जिस बोझ को कम करने के लिए ऐसे आयोजन किये जा रहे हैं. इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 14 तरह के विवादों यथा सुलहनीय वाद, चेक बाउंस, मोटर क्लेम, इंश्योरेंस, लेबर केस, जमीन विवाद, रिकवरी, मनरेगा, बिजली, वन विवाद, रेलवे, आपदा, बैंकिंग विवादों का निबटारा किया गया.
लोगों ने भारी संख्या में पहुंच कर अपने वादों का निपटारा कराया. लोक अदालत में क्रिमिनल केस 73, रिकवरी 40 लाख 82 हजार 554 रुपये सहित छह हजार 466 मामले का निष्पादन किया गया. कार्यक्रम का संचालन प्रिंसपल जज आरएस सिंह ने किया. संघ के वरीय अधिवक्ता कपलेश्वर झा के नहीं पहुंच पाने के कारण उनका सम्मान अधिवक्ता संघ अध्यक्ष श्री सिंह को सौंपा गया. कार्यक्रम में एसबीआइ आरएम राजेश कुमार, एलडीएम प्रमोद लाल दास, एएसपी मृत्युंजय चौधरी, अधिवक्ता संगीता सिंह, सभी अपर न्यायाधीश, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि सहित अधिवक्ता व अन्य मौजूद थे.