सहरसा सदर : विश्व नि:शक्त दिवस के मौके पर जिले के सैकड़ों नि:शक्त अपने अधिकार व हक की लड़ाई के लिए एकत्रित हो अपने अधिकार के लिए आवाज उठायी. स्थानीय कोसी क्षेत्रीय नि:शक्त विधवा वृद्ध कल्याण समिति के बैनर तले सैकड़ों नि:शक्त जुलूस की शक्ल में रैली निकाल सड़कों पर मार्च करते अपने अधिकार संबंधी […]
सहरसा सदर : विश्व नि:शक्त दिवस के मौके पर जिले के सैकड़ों नि:शक्त अपने अधिकार व हक की लड़ाई के लिए एकत्रित हो अपने अधिकार के लिए आवाज उठायी. स्थानीय कोसी क्षेत्रीय नि:शक्त विधवा वृद्ध कल्याण समिति के बैनर तले सैकड़ों नि:शक्त जुलूस की शक्ल में रैली निकाल सड़कों पर मार्च करते अपने अधिकार संबंधी नारे लगाये.
स्थानीय कार्यालय से नि:शक्तों का जत्था गंगजला चौक, थाना चौक, वीर कुंवर सिंह चौक होते हुए समाहरणालय द्वार पहुंचा. गुरुवार को चेहल्लुम की छुट्टी रहने के कारण समाहरणालय बंद था व उन्हें सुनने के लिए वहां कोई अधिकारी मौजूद नहीं थे.
जिससे नि:शक्तों का गुस्सा डीएम सहित अधिकारियों पर भड़क उठा. नि:शक्तों का कहना था कि जिला प्रशासन को जानकारी देने के बावजूद प्रशासन की ओर से उनकी मांगों को सुनने के लिए समाहरणालय में किसी भी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति नहीं की गयी है.
नि:शक्तों को मिले आवास का लाभ : प्रशासनिक उपेक्षा पर नि:शक्तों ने अपने हक व अधिकार की मांग को लेकर वहीं जमकर नारेबाजी की. सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक अनिल कुमार पटेल को सूचना दिये जाने पर वे समाहरणालय पहुंचे. नि:शक्तों की ओर से श्री पटेल को पांच सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा गया. इन मांगों में नि:शक्तों की सही जनसंख्या के लिए प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा विशेष सर्वेक्षण कर नि:शक्तों की जानकारी की मांग की गयी.
मूक बधिर व मानसिक रूप से ग्रस्त नि:शक्तों के लिए नि:शक्तता जांच हेतु जिला मुख्यालय में मशीन उपलब्ध कराने के मांग के साथ विशेष चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति कर नि:शक्तजनों को प्रमाणपत्र की सुविधा देने की मांग की. जिले के वंचित नि:शक्तों को बीपीएल सूची से जोड़ने की मांग कर उन्हें सरकार द्वारा नि:शक्तों के लिए मुहैया करायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ के साथ इंदिरा आवास सुविधा देने की भी मांग की गयी.