सहरसा नगर: शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी तापमान में उछाल आने की वजह से जलस्तर में दो फीट की गिरावट दर्ज की गयी है, लेकिन कोसी का इलाका फिलवक्त जल संकट से दूर है. ज्ञात हो कि जिले में आठ से दस फीट की गहराई में पानी आने लगता है, वहीं लोग जल शुद्धता के कारण 20 फीट तक बोरिंग कर पेयजल निकाल कर इस्तेमाल करते हैं. वर्तमान में तापमान 40 के आसपास होने की वजह से चापानल से पानी निकालने में लोगों को दबाव का अनुभव होता है.
पछिया हवा से परेशानी : विशेषज्ञ बताते हैं कि शहर से लेकर गांव तक में जल संकट के आसार नहीं दिखाई दे रहा है, लेकिन पछिया हवा के चलने पर जल स्तर लगातार कम होने लगता है. ऐसी परिस्थिति में दस फीट की गहराई में लगा बोरिंग पानी नहीं निकाल पाता है. हालांकि जिले में बोरिंग करते वक्त लोग 15 से 20 फिट की गहराई तक खुदाई करते हैं.
इन जगहों पर होती है परेशानी : जानकारी के अनुसार गरमी के दिनों में ग्रामीण क्षेत्र के ऊं चे स्थानों पर पानी का लेयर नीचे चला जाता है. ज्ञात हो कि बनगांव के भगवती स्थान, राजा मंशाराम खां बंगला व चैनपुर काली स्थान के समीप प्रत्येक वर्ष चापानल उपयोग करने वाले लोगों को दिक्कत होती है.
विभाग कर रहा निगरानी
पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता के के नारायण ने कहा कि जिले में पानी का लेयर 12 फीट नीचे है. विभाग के कर्मी ग्रामीण क्षेत्रों में जलस्तर का मुआयना कर रहे हैं. जिसमें कुंआ को आधार मान लेयर की जानकारी ली जाती है. मिनी वाटर प्लांट में जल संचयन को लेकर कोई समस्या नहीं आ रही है.