सहरसा सदर: केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित सड़क सेफ्टी कानून के विरोध में चालक संघ द्वारा राज्यव्यापी चक्का जाम को लेकर एनएच 107 तीन घंटे से भी ज्यादा जाम रहा. शहर स्थित बस स्टैंड से भी कोई वाहन नहीं चला. इसके कारण विभिन्न जगहों पर जाने के लिए आये यात्री भटकते रहे. इधर, संघ द्वारा सहरसा-पूर्णिया […]
सहरसा सदर: केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित सड़क सेफ्टी कानून के विरोध में चालक संघ द्वारा राज्यव्यापी चक्का जाम को लेकर एनएच 107 तीन घंटे से भी ज्यादा जाम रहा. शहर स्थित बस स्टैंड से भी कोई वाहन नहीं चला. इसके कारण विभिन्न जगहों पर जाने के लिए आये यात्री भटकते रहे. इधर, संघ द्वारा सहरसा-पूर्णिया मुख्य मार्ग पर पटुआहा के समीप एनएच 107 की मुख्य सड़क पर जाम कर दिया गया. चार किलोमीटर तक गाड़ियों की कतार लगी रही.
इस दौरान सहरसा-पूर्णिया, सहरसा-मधेपुरा-फारबिसगंज व सहरसा-महेशखूंट मार्ग पर आवागमन प्रभावित हो गया. प्रदर्शनकारी चालकों ने पटुआहा के निकट अपनी-अपनी गाड़ियों का चक्का जाम कर कानून के विरोध में नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार जो कानून चालकों पर थोप रही है, यह कानून चालकों के लिए सरासर अन्याय है.
कई चालकों का कहना था कि सड़क दुर्घटना होने पर तीन लाख रुपये जुर्माने की जो बात कही जा रही है, एक मुश्त चालक इतना पैसा कमाकर भी जमा नहीं कर पाता है. फिर इस तरह की जुर्माने की राशि चालक कहां से भर सकेगा. वहीं सात साल सजा दिये जाने की बात पर भी चालकों ने इस तरह के प्रस्तावित कानून का एक सिरे से विरोध किया. जब तक इस तरह के कानून को वापस नहीं कर लिया जाता. इधर, घंटों एनएच जाम रहने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. एनएच 107 से होकर गुजरने वाली छोटे व बड़े वाहन चालकों को जाम के कारण मुसीबतों का सामना करना पड़ा. चालक द्वारा एनएच जाम किये जाने की सूचना मिलने पर प्रभारी सदर थानाध्यक्ष नितेश कुमार पुलिस सदल बल के साथ जाम स्थल पर पहुंचे व प्रदर्शनकारियों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी जाम स्थल पर डीएम को बुलाने की मांग पर घंटों डटे रहे. जाम करने वालों में रोहित कुमार ठाकुर, सुशांत कुमार सिंह, अनिल शर्मा, पिंटू शर्मा, सोहन शर्मा, सुजीत झा, नवल कुमार, परमेश्वर शामिल थे.
आपदा के समय हड़ताल अच्छी नहीं
बस चालकों व कर्मचारियों की हड़ताल के कारण रोज यात्र करने वालों के अलावा अन्य सभी यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. यात्री अपने गंतव्य तक जाने के लिए सुबह से ही बस स्टैंड पहुंचने लगे थे, लेकिन यहां से किसी मार्ग की बसों को नहीं खुलता देख वे परेशान रहे. नेपाल जाने के लिए वीरपुर की बस पकड़ने सपरिवार आये पीके सिन्हा ने कहा कि अभी आपदा के समय बस वालों को यह हड़ताल नहीं करना चाहिए. केंद्र के बाद राज्य सरकार भी पीड़ितों के सहयोग के लिए सैकड़ों की संख्या में बस भेज रही है. एक दिन के हड़ताल से इधर आने वाले लोगों को भारी परेशानी होगी. वहीं कुमारखंड जाने वाले चिरंजीव ने कहा कि उनकी बच्ची बीमार है. उनका घर पहुंचना जरूरी है.