सहरसा: सोमवार को स्थानीय स्टेडियम परिसर निकट अलग मिथिला राज्य की मांग को लेकर मिथिला राज्य संयुक्त संघर्ष समिति के द्वारा एक दिवसीय धरना दिया गया. संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू की अध्यक्षता में आयोजित धरने के माध्यम से मिथिलांचल के सर्वागीण विकास व मिथिला राज्य के गठन की मांगों को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त को स्मार पत्र सौंपा गया.
धरना को संबोधित करते श्री चौधरी ने कहा कि मिथिला में 57 जनक की परंपरा रही है. इसी धरती से साक्षात जानकी सीता का उद्भव हुआ और वे मिथिलांचल की धरती की बेटी के रूप में पूजी जाती रही है. इसी धरती के श्री राम दामाद के रूप में अवतरित हुए. उसी धरती पर आज आर्थिक आजादी, शैक्षणिक आजादी की स्थिति को चरमराते देख संविधान सम्मत अलग मिथिला राज्य की मांग एक स्वर से की गयी है. उन्होंने मिथिलांचल के सभी सांसदों से अलग मिथिला राज्य के आंदोलन में भाग लेने का आह्वान करते आगे आने की बात कर इस सपने को पूरा करने को कहा. धरना को संबोधित करते मिथिला राज्य के संयोजक प्रो उदय शंकर मिश्र ने मिथिला राज्य के आंदोलन में आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, वैज्ञानिक विकास के साथ-साथ सर्वागीण विकास के लिए मिथिला राज्य की मांग को उचित बताया. इस मौके पर मौजूद डॉ अरुण कुमार यादव ने कहा कि मधेपुरा, सहरसा व सुपौल सहित अन्य मिथिलांचल जिले में मिथिला राज्य के आंदोलन को धारदार बनाने के लिए इस आंदोलन को और तेज किया जायेगा. मौके पर समिति के उपाध्यक्ष योगी जनक कुशवाहा, कार्यक्रम के संचालक व कार्यकारी अध्यक्ष डॉ बुचरू पासवान के अलावा कई अन्य लोगों ने भी मिथिलांचल की अलग मांग को लेकर अपने-अपने विचार प्रकट किये. इस मौके पर विशुनदेव झा बित्तल, चंद्रशेखर झा, महानंद झा, डॉ दिवाकर झा, रवींद्र कुमार झा, विनोद कुमार झा, कलानंद झा, रामजी ठाकुर, मो सादीक, डॉ विनोदानंद झा, अरविंद नीरज, सुमन खां सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.