सहरसा: मंगलवार की सुबह बह रही तेज व सर्द हवाओं के बीच भगवान भास्कर के अचानक दर्शन होने पर जन जीवन में अचानक जोश का संचार हो गया. दिन के दस बजे से निकली धूप का आलम यह था कि लोग आलस्य को त्याग अपने रुके कामों को निबटाने में व्यस्त हो गये. बीते चार दिनों से सुस्त पड़ चुके बाजार में भी ग्राहकों की भीड़ दिखनी लगी.
खिली धूप का आलम यह था कि घर से लेकर सड़कों तक लोगों के चेहरे खिले थे. अन्य दिनों की अपेक्षा सरकारी कार्यालयों में भी कर्मियों की उपस्थिति ज्यादा दिखी. ठंड में लोगों का प्रतीक बन चुकी टोपी मंगलवार को कम दिखी.
खूब हुई कपड़ों की धुलाई. ठंड व शीतलहर के बीच निकली धूप का उपयोग लोगों ने अपने-अपने तरीके से किया. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने घरों में रखे मैले हो चुके कपड़ों की सफाई की. शहर की छतों पर दिन भर लोगों के कपड़े सूखते रहे.
बुजुर्ग व बच्चों को मिली राहत
कनकनी वाली ठंड के बाद निकली धूप ने घरों में कंबल के अंदर कैद बुजुर्गो व बच्चों को राहत प्रदान की. धूप निकलने के बाद बच्चे घरों की छत व गलियों में खेलते रहे, वहीं बुजुर्गो ने भी धूप का भरपूर सेवन किया. बुजुर्ग डॉ एलएन झा ने बताया की प्रकृति प्रदत्त ठंड को कम करने के लिए कृत्रिम साधन नाकाफी साबित हो रहा था. उन्होंने कहा कि धूप की गरमी शरीर को स्फूर्त बनाती है.