सहरसा : गुरुवार को स्थानीय जीआरपी टीम के स्काउट द्वारा बनमनखी-समस्तीपुर पैसेंजर ट्रेन की इंजन से डीजल चोरी कर कालाबाजारी में खपाने के लिए ले जाते दो सक्रिय गिरोह को दबोच डीजल चोरी का खुलासा किया गया है. जीआरपी थानाध्यक्ष द्वारा पकड़े गये आरोपी से पूछताछ किये जाने पर ट्रेन की इंजन से कई बार डीजल चोरी की बात कबूल की गयी. जिससे रेलवे के डीजल चोरी में सक्रिय गिरोह के पर्दाफाश होने पर उम्मीद व्यक्त की जा रही है.
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रेलवे को लाखों का नुकसान तो नहीं!
सहरसा : गुरुवार को स्थानीय जीआरपी टीम के स्काउट द्वारा बनमनखी-समस्तीपुर पैसेंजर ट्रेन की इंजन से डीजल चोरी कर कालाबाजारी में खपाने के लिए ले जाते दो सक्रिय गिरोह को दबोच डीजल चोरी का खुलासा किया गया है. जीआरपी थानाध्यक्ष द्वारा पकड़े गये आरोपी से पूछताछ किये जाने पर ट्रेन की इंजन से कई बार […]
यह भी अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि कहीं सक्रिय गिरोह द्वारा रेलवे का डीजल चोरी कर विभाग को अब तक लाखों का चूना तो नहीं लगा दिया गया है. ट्रेन के इंजन से डीजल चोरी के आरोप में पकड़े गये मधेपुरा जिले के मुकेश कुमार व खगड़िया जिले के राहुल कुमार ने इस धंधे में कई सक्रिय लोगों के शामिल होने की बात कबूल की है. जिसमें मुख्य सरगना के रूप में गांधी पथ निवासी कुणाल कुमार का नाम उजागर किया गया है. डीजल चोरी मामले को लेकर इस गोरख धंधे में कई और भी शातिर लोगों शामिल होने की बात से नकारा नहीं जा सकता है. पानी की बोतल में पकड़ाया तीन सौ लीटर डीजल पहली बार पकड़ में आया है.
जबकि पकड़े गये चोरों के अनुसार इससे पूर्व भी कई बार ऐसा किया गया था. इससे समझा जा सकता है कि रेलवे को डीजल चोरी के मामले में अब तक लाखों रुपये के राजस्व को क्षति पहुंची होगी. जिसका आकलन विभाग के पास भी नहीं होगा. हालांकि बनमनखी में ट्रेन के इंजन से डीजल चोरी का गोरखधंधा उजागर होने पर सहरसा रेल परिसर क्षेत्र में भी इसकी आशंका है. मालूम हो कि पिछले दिनों सहरसा डीजल लॉबी से माल गोदाम की ओर जाने वाली अंडर ग्राउंड पाइप लाइन के लिकेज की बात उजागर होने पर रेलवे का हजारों लीटर तेल बगल के गड्ढ़े में तैरता देखा गया था. अखबारों में खबर छपने के बाद स्थानीय रेल प्रशासन ने अंडर ग्राउंड लिकेज को बंद करवाने की पहल की.
तीस हजार लीटर प्रतिदिन है डीजल की खपत. सहरसा रेल परिसर क्षेत्र में बने डीजल लॉबी की क्षमता दो लाख 80 हजार लीटर है. यहां से प्रतिदिन पाइप लाइन के जरिये करीब 15 से 20 इंजन में 25 से 30 हजार लीटर डीजल की खपत होती है. जिसमें डीजी 4 इंजन की तेल क्षमता छह हजार, एमजी इंजन की तीन हजार, डब्ल्यू डीएम टू की पांच हजार लीटर की क्षमता होती है. इंजन के परिचालन के आधार पर डीजल खपत का
मानक तय है.
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