सहरसा : चूड़ी बनाने वाली लहेरी जाति व मुसलिम संप्रदाय के साईं फकीर की इकाई शाह जाति को अतिशीघ्र अति पिछड़ा में शामिल किया जायेगा. यह बात अति पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रवींद्र कुमार तांती ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ स्थानीय परिसदन में बैठक करने के बाद कही.
उन्होंने कहा कि इन दोनों जातियों की संख्या संपूर्ण राज्य में तकरीबन 50 से 60 हजार के बीच में है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच है कि छोटी-छोटी आबादी वाली जातियों को अति पिछड़ा वर्ग से जोड़ कर उन्हें भी योजनाओं का लाभ दिया जाये. आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि अर्थाभाव के कारण इन जातियों के बच्चे अब भी शिक्षा से वंचित हैं.
उन्होंने कहा कि सहरसा शहर में इन जातियों की संख्या नगण्य है, जबकि जिले के नवहट्टा, महिषी, सोनवर्षा सहित अन्य कुछ प्रखंडों में औसतन पांच से छह परिवार हैं. अध्यक्ष ने बताया कि सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है. शीघ्र ही सरकार को रिपोर्ट सौंप दी जायेगी. बैठक में मुख्यालय डीसीएलआर मनोज कुमार, सिमरी डीसीएलआर वृंदालाल, सीइओ डॉ महेश प्रसाद सहित सभी अंचलाधिकारी मौजूद थे.