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अधिकारी पटना में, कर्मी घर पर
पतरघट : ग्यारह बजे लेट नहीं और तीन बजे भेंट नहीं की तर्ज़ पर अभी चल रहा है प्रखंड अंचल एवं मनरेगा कार्यालय. चुनावी प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद भी अब तक कार्यालय की स्थिति सामान्य नहीं हुई है . इस प्रखंड अंचल एवं मनरेगा कार्यालय में संबंधित विभागों के अधिकारी जैसे बीडीओ, सीओ, […]
पतरघट : ग्यारह बजे लेट नहीं और तीन बजे भेंट नहीं की तर्ज़ पर अभी चल रहा है प्रखंड अंचल एवं मनरेगा कार्यालय. चुनावी प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद भी अब तक कार्यालय की स्थिति सामान्य नहीं हुई है
. इस प्रखंड अंचल एवं मनरेगा कार्यालय में संबंधित विभागों के अधिकारी जैसे बीडीओ, सीओ, पीओ सप्ताह-सप्ताह भर गायब रहते हैं. समय की पाबंदी न तो पदाधिकारी को रहती है, ना ही कर्मी को.
एक तरफ भविष्य बचाने के लिए छात्र-छात्राओं द्वारा आवासीय, जाति, आय प्रमाण पत्र बनवाने की चिंता रहती है तो दूसरी तरफ किसानों को अपनी ही जमीन की एलपीसी लगान रसीद कटवाने सहित अन्य कार्यों के लिए आना पड़ता है. कार्यालय के पदाधिकारी से लेकर कर्मचारी के रवैये से आमलोग काफी परेशान रहते हैं. लेकिन कार्यालय के बाबुओं के स्वभाव तथा कार्यशैली में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.
11 पंचायतों वाले अंचल क्षेत्र में मात्र दो राजस्व कर्मचारी
चूंकि यहां के सारे विभागों के अधिकारियों सहित कर्मचारियों का आवास सहरसा में है. तो जाहिर सी बात है कि जब पदाधिकारी हीं नहीं रहेंगे तो कर्मचारी क्यों आयेंगे. जिसके कारण आमलोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बुरी स्थिति अंचल कार्यालय की है.
जहां कर्मचारियों की कमी के कारण भूमि विवाद के निपटारे, जमीन की मापी सहित अन्य कार्य ठप हो गये हैं. 11 पंचायतों वाले इस अंचल क्षेत्र में भूमि विवाद के निपटारे के लिए मात्र दो राजस्व कर्मचारी पदस्थापित हैं. जिसके निपटारे के लिए दर्जनों मुंशी बहाल हैं.
आमजनों को अपनें भूमि विवाद के निपटारे के लिए इन्हीं कथित मुंशी से संपर्क करना पड़ता है. यहीं नहीं अंचल निरीक्षक का कार्य भी राजस्व कर्मचारी के जरिए चल रहा है. जिनका घर आसपास रहने के कारण सुलझाने के बजाए उलझाना ज्यादा रहता है. फिर बाद में तथाकथित मुंशी के माध्यम से मनमाफिक वसूली की जाती है. यहीं हाल प्रखंड कार्यालय का बना हुआ है.
जहां प्रखंड के प्रधान सहायक सहित अन्य सहायक के तबादला होने के कारण मात्र दो सहायक एवं एक प्रखंड नाजिर के भरोसे चल रहा है. उसमें भी उनका अधिकांश समय बाहर ही रहना होता है. जबकि कार्यक्रम पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार प्रसाद भी अपना अधिकांश समय जिला मुख्यालय में ही देते हैं. जिसके कारण संबंधित विभागों के कर्मचारियों का अधिकांश समय जिला मुख्यालय में व्यतीत होता है.
ऐसी स्थिति में संपूर्ण प्रखंड, अंचल, मनरेगा, सीडीपीओ कार्यालय, पीएचसी कार्यालय का कामकाज भगवान भरोसे ही चलाया जा रहा है. इस बाबत बीडीओ दीपक राम ने बताया कि हम कुछ आवश्यक काम से पटना गये हुए थे. आज जिला मुख्यालय में हैं. कल आतें हैं.
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