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तारों के जंजाल के नीचे से सहम करआवागमन करते हैं लोग

सहरसा : बिजली विभाग की लापरवाही के कारण शहर में दिनोंदिन पुरानी स्थिति में नयी समस्या देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ केबल वायर लगने से अधिकांश वार्डों में नंगे तारों की समस्या से मुक्ति मिल रही है. लेकिन लटकते सर्विस वायर की मरम्मत के अभाव में लोगों को विभाग की लापरवाही भी […]

सहरसा : बिजली विभाग की लापरवाही के कारण शहर में दिनोंदिन पुरानी स्थिति में नयी समस्या देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ केबल वायर लगने से अधिकांश वार्डों में नंगे तारों की समस्या से मुक्ति मिल रही है.

लेकिन लटकते सर्विस वायर की मरम्मत के अभाव में लोगों को विभाग की लापरवाही भी खुलेआम देखने को मिल रही है. कमर तक नीचे लटक रहे विद्युत प्रवाहित सर्विस वायर के कारण उपभोक्ता दहशत में रहते हैं. शहर के नया बाजार स्थित सराही मोड़ से सटे पश्चिमी सड़क पर नीचे लटक रहा बिजली का तार विभाग की लापरवाही को स्पष्ट तौर पर दिखा रहा है.
वर्षों से यहां बिजली का तार बांस बल्ले व लोहे के टेलीफोन पोल के सहारे ही झूल रहा है. जबकि इन तीन वर्षों में विभाग की आधी जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनी को दी गयी, जिसमें सभी उपभोक्ताओं के यहां पुराने मीटर की जगह इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाना, पुराने पोल हटा कर ऊंचे पोल लगाना, सभी पुराने विद्युत प्रवाहित तारों को बदल कर कवर वायर लगाना व अन्य कार्य दिया गया था, लेकिन अभी तक आधा शहर इन कार्यों से वंचित है. इसमें वार्ड नंबर 03 के कई हिस्सों में वहां के लोग कार्य पूर्ण होने की उम्मीद लगाये हुए हैं.
लटकते तार के पास से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि तार इतना नीचे है कि कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है. जबकि सुविधा के अभाव में लोहे के टेलीफोन पोल पर बिना रबर के ही सर्विस वायर लटका दिया गया है. लेकिन अधिकांश सर्विस वायर पुराने होने के कारण टूटकर टेलीफोन पोल पर लटकता रहता है.
इससे पोल में कभी भी विद्युत प्रवाहित हो सकता है और करंट से किसी की भी जान जा सकती है. इसके कारण हमेशा डर सा बना रहता है. कभी- कभी छोटे बच्चे खेलने के दौरान उस पोल को पकड़ कर खड़े हो जाते हैं.
विभाग की इस तरह की लापरवाही शहर में अधिकांश जगह व्याप्त है. इसके कारण हमेशा लोगों में भय बना रहता है कि कहीं कोई बड़ी अनहोनी ना हो जाय. अनहोनी से पहले विभाग को इसपर ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

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